ज़ाहिद अनवर (राजु) / दरभंगा
दरभंगा/बिहार : शनिवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की 97वीं जयंती मनाई गई।
इस मौके पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि भूमंडलीकरण के बहुत पहले उन्होंने वाणिज्य मंत्री के रूप में भारत की अंतराष्ट्रीय बाजार में संभावनाओं की व्यापक तलाश की थी। उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता ही हत्या का बहुत बड़ा कारण था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मिथिला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. जयगोपाल ने ललित बाबू को मिथिला का समर्पित सपुत बताते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस मौके पर कुल सचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक अहमद, मानवीय संकायाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार झा, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. शीला, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, प्रो. रतन कुमार चौधरी, प्रधानाचार्य डॉ. विद्यानाथ झा व रहमतुल्लाह, डॉ. श्यामचंद्र गुप्ता आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सीसीडीसी डॉ. मुनेश्वर यादव ने किया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय स्थित ललित नारायण मिश्र की मूर्ति पर अतिथियों ने माल्यार्पण किया। मिथिला के विकास में ललित बाबू का योगदान विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें शंकर कुमार-प्रथम, प्रिया कुमारी- द्वितीय और रंजेश्वर झा-तृतीय स्थान पर रहे। उधर विद्यापति सेवा संस्थान के डॉ बैद्यनाथ चौधरी उर्फ बैजु जी ने ललित बाबू को भारतीय रत्न से सम्मानित करने की माँग की।
मिल्लत कॉलेज में भी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मो.रहमतुल्लाह के नेतृत्व में ललित बाबू की जयंती पर उन्हें याद किया गया।