मधेपुरा : गांंधी ने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का रास्ता दिखाया -कुलपति

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : गांंधी ने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का रास्ता दिखाया है। इसी रास्ते पर चलकर देश-दुनिया का कल्याण हो सकता है। हमें गांंधी के सपनों की दुनिया बनानी है।

यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे विश्वविद्यालय साउथ कैम्पस में सामान्य शाखा के सामने वाले पार्क में महात्मा गांंधी की प्रतिमा का अनावरण कर रहे थे। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने गांंधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कुलपति ने कहा कि गांंधी को 150 वर्ष हो गए. लोगों को लग सकता है कि गांंधी की बात अब पुरानी हो गयी है। लेकिन सच्चाई यह है कि गांंधी आज भी प्रासंगिक हैं। गांंधी के विचारों की चमक बढ़ती जा रही है। दुनिया के युवा गांंधी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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कुलपति ने कहा कि गांंधी-दर्शन में ही आतंकवाद, पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, विषमता, अनैतिकता आदि समस्याओं का समाधान है। गांंधी के बताए रास्ते पर चलकर ही दुनिया का कल्याण हो सकता है। आज गांंधी को अपनाना हमारी मज़बूरी हो गयी है।

आलोचनाओं की परवाह किए बगैर सत्य के मार्ग पर चलें
कुलपति ने कहा कि गांंधी के जीवन – दर्शन का विस्तृत फलक है। इसके हरएक आयामों को लेकर देश – दुनिया में प्रयोग चल रहे हैं। स्वच्छता अभियान, मेक इन इंडिया, स्किल डेवलपमेंट, अर्न ह्वाइल लर्न आदि कार्यक्रम गांंधी से ही प्रेरित हैं। कुलपति ने कहा कि गांंधी का संदेश है कि हम आलोचनाओं की परवाह किए बगैर सत्य के मार्ग पर डटे रहें। किसी भी परिस्थिति में अनुचित रास्तों पर नहीं चलें। अनुचित रास्तों पर चलकर कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है। हमेशा सही मार्ग पर चलकर ही सफलता मिलती है। अतः हम निरंतर सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी।

 कुलपति ने कहा कि वे गांंधी के आदर्शों को जीवन में अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका एक ही सपना है कि बीएनएमयू को राष्ट्रीय ख्याति मिले। इसके लिए यह जरूरी है कि हम सभी अपने-अपने कर्तव्यों का सम्यक् निर्वहन करें।

गांंधी सभी धर्मों का सम्मान करते थे
प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि गांंधी एक सच्चे धार्मिक व्यक्ति थे। वे अपने आपको सनातनी हिंदू कहते थे। लेकिन उनका हिंदुत्व काफी व्यापक था। वे सभी धर्मों का सम्मान करते थे और सर्वधर्म समभाव के प्रबल हिमायती थे।

इस अवसर पर डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, सिनेटर डा नरेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डा नवीन कुमार, परिसंपदा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, डीआर एकेडमिक डा एमआई रहमान, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, एनएसएस समन्वय डा अशोक कुमार सिंह, विकास पदाधिकारी डा ललन प्रसाद अद्री, बीएओ डा एसके पोद्दार, खेल सचिव डा अबुल फजल, उप सचिव डा शंकर कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे।


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