मधेपुरा/बिहार : हम अपने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु इसका नैक से मूल्यांकन कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। फरवरी में नैक मूल्यांकन के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। हम अपने विश्वविद्यालय क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले सभी अंगीभूत एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों का भी नैक से मूल्यांकन कराएंगे।
उक्त बातें बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे मंगलवार को केन्द्रीय पुस्तकालय में आयोजित सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालय के प्रधानाचार्यों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सत्ताईस वर्षों में हमारा नैक मूल्यांकन नहीं हुआ है। इसके बगैर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिलती है. अतः सभी अपने-अपने स्तर से नैक मूल्यांकन की तैयारियों में जुट जाएं। हम ऐसा करें, जिससे हमारा विश्वविद्यालय आदर्श विश्वविद्यालय बने।
वहीँ प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे, तो नैक मूल्यांकन का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्र 2018-19 में नामांकित विद्यार्थियों की उपस्थित का विवरण भेजें। यदि कोई विद्यार्थी लगातार पंद्रह दिन तक कक्षा से अनुपस्थित रहे, तो उनका नामांकन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करें। साथ ही सभी विद्यार्थियों की सेंटप टेस्ट में उपस्थित सुनिश्चित करें। वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास ने नैक मूल्यांकन के मद्देनजर वित्तीय प्रबंधन दुरूस्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रधानाचार्य महाविद्यालय में वित्तीय नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित करें। महाविद्यालय की जमीन और अन्य सामग्रियों का संपूर्ण विवरण तैयार करें। सभी एकाउंट का लिस्ट विश्वविद्यालय भेजें. साथ ही एकाउंट वन के खर्च का विवरण प्रत्येक माह विश्वविद्यालय में दें।
डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव ने सभी प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए उपलब्ध कराए गए प्रपत्रों की त्रुटियाँ दूर करें। वांछित प्रपत्र के सभी काॅलम अंग्रेजी में भरें। बैंक एकाउंट का विवरण आईएफएस कोर्ड सहित शुद्ध-शुद्ध भेजें। इस योजना का लाभ 25 अप्रैल 2018 के उपरांत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को दिया जाना है। अतः वांछित प्रपत्र में परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि भी अंकित करें।
बैठक में परीक्षा नियंत्रक डा नवीन कुमार, वित्त पदाधिकारी डा एमएस पाठक, डा संजय मिश्र, डा केपी यादव, डा राजीव सिन्हा, डा रेणु सिंह, डा केएस ओझा, डा माधवेन्द्र झा, डा अशोक कुमार यादव आदि उपस्थित थे।