मधेपुरा : पार्श्व गायक मो. अज़ीज़ के सदाबहार नगमों से हुआ राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव का समापन

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अमित कुमार
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पार्श्व गायक मो. अज़ीज़ के के द्वारा गाए गए गाने आज कल याद कुछ और रहता नहीं…… के साथ राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव 2018 का भव्य समापन हुआ। मंगलवार की देर शाम जिला मुख्यालय की गौशाला परिसर में पार्श्व गायक मो. अज़ीज़, साहिल राज, सारेगामा फेम अर्पिता, सुंदर, चिरंजीव एवं स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के बाद महोत्सव का समापन हुआ ।

 कला संस्कृति एवं युवा विभाग सह जिला प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय राजकीय गोपाष्टमी महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को संगीत के दुनियां की नामचीन कलाकारों की फनकार ने हजारों की भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री डा रमेश ऋषिदेव, बीएनएमयू कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, डीपीआरओ रजनीश कुमार राय, सदर एसडीपीओ वशी अहमद, सदर एसडीएम वृंदा लाल, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम, सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में चार चांद लगाने में धीरज बैंड बेगूसराय के धीरज के नेतृत्व में कलाकारों की भी दमदार प्रदर्शन रहा। बेस गिटार पर राजू दास, ऑरगन पर मो. तबरेज जी, कॉगो पर बिरजू जी, ढ़ोलक पर संजय दीवाना, पैड पर चिंटू जी तथा ड्रम पर आकाश का प्रदर्शन काफी सराहा गया। एंकर की भूमिका में गरिमा यादव ने निभायी। कार्यक्रम के अंत में जिला प्रशासन की ओर से सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया।

 सम्मानित करने वालों में मुख्य रूप से बीएनएमयू कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, डीपीआरओ रजनीश कुमार राय, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी आर्य गौतम, सदर अंचल अधिकारी वीरेंद्र झा, संगीत शिक्षक डा रवि रंजन यादव, डॉ अरुण कुमार बच्चन, डॉ भूपेंद्र नारायण मधेपुरी, पृथ्वीराज यदुवंशी, नाजिर अनिल कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में स्थानीय कलाकारों की भी दमदार प्रस्तुति रही। जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा, जिसमें जिले के बांसुरी वादक संतोष कुमार द्वारा बांसुरी बजाई गई। उनके द्वारा बनाई गई बांसुरी ने लोगों का मन मोह लिया। जिसके बाद विकास कुमार सिन्हा के द्वारा गाया गया गीत अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो…… ने लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। वहीं शंभू शरण एवं उनका साथ दे रहे हैं तबला पर अरविंद कुमार की शास्त्रीय संगीत एवं गांधी शर्मा एवं उनका साथ दे रहे तबला पर अरविंद कुमार का सुगम संगीत को भी लोगों ने खूब सराहा। जिसके बाद रेखा यादव के द्वारा गाए गए मैथिली गीत कोयल बिन बगिया ना शोभे राजा……… एवं और इस दिल में क्या रखा है……… ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। धीरेंद्र कुमार के द्वारा गाए गए गीत आज कल याद कुछ और रहता नहीं……. की भी दमदार प्रस्तुति रही। वहीं रोशन कुमार एवं उनका साथ दे रहे तबला पर सनोज कुमार के द्वारा गाय के गीत सूफी गीत आपको देखकर देखता ही रह गया….. एवं ताकते रहते तुझको सांझ सवेरे……. कि लोगों ने खूब प्रशंसा की। जिसके बाद संगीत शिक्षक संजीव कुमार एवं उनका साथ दे रहे तबला पर अरविंद कुमार के द्वारा गाय के गीत याद पिया की आये……, नैना अपनी पिया से लगाई रे……, आने से उसके आए बहार……… एवं बाजे मुरलिया बाजे….. ने भी दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। जिसके बाद किरण पब्लिक स्कूल के छोटे बच्चे शाम्भबि, आँचल, राजनंदनी, जन्नत, वर्षा, पूजा, कृष्णा के द्वारा तरफ से छट गीत मैया हे गंगा मैया…. पर नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकोंं का मन मोह लिया।

इन्हीं बेहतरीन प्रस्तुतियों के बीच बिहार के लोक संस्कृतियों की जीवंत परम्पराओ का सशक्त प्रदर्शन सृजन दर्पण के कलाकारों ने युवा रंगकर्मी बिकास कुमार के निर्देशन में किया। कारी- झूमर, जाट- जटिन, सेमा- चकेवा, झिझिया, विदेशिया, डोम-कच्छ, कजरी, बोल-बम यात्रा, महापर्व छठ, होली, विदाई गीत पर नृत्य एवं अन्य लोक कलाओं को नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाकर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया, जिसमें अंजली, रखी, रूपा, सुमन, निखिल, बाबुल, राहुल, सोनाली, सत्यम, सौरव, बिकास, डा ओमप्रकाश ओम, ओमेंद्र कुमार, सुशील कुमार ने अहम योगदान दिए। वही आरआर ग्रीन फील्ड के रिया, बिट्टू, हंसिका, सृष्टि, नाजनी, ज्योति, आकृति, तृप्ति नेे बद्री की दुल्हनिया गीत पर रिकॉडिंग डांस की प्रस्तुति दी। वहीं मंच पर कृष्णा और पूजा दोनों भाई बहन की जोड़ी के द्वारा सुुुन गणपति बप्पा मोरिया…… ने लोगों को आकर्षित किया। जिले में सांस्कृतिक गतिविधि को बढ़ावा देने वाली संस्था नवाचार रंगमंडल के बमबम कुमार एवं कार्तिक कुमार ने आदित्य कुमार के सहयोग देश भक्ति गीत जिस देश में गंगा रहता है…. पर मनमोहक रिकॉर्डिंग डांस प्रस्तुत कर लोगों की खूब तालियां बटोरी, जबकि पहले सत्र के कार्यक्रम के अंत में पायल प्रीत ने कहते हैं मैं दीवानी मस्तानी हो गई….. पर डांस की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र की शुरुआत साहिल राज ने गणेश वंदना देवा श्री गणेशा देवा…… से की। उसके बाद सारेगामा फेम अर्पिता ने भी एक से बढ़कर एक गानों की प्रस्तुति दी, जिसमें उनके द्वारा गाए गए गीत दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए……, अगर दिलबर की रुसवाई हमें मंजूर हो जाए…….., बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम……., दमा दम मस्त कलंदर………., लैला मैं लैला……, अभी तो पार्टी शुरू हुई है……., मैनू यार ना मिले तो मर जावा……. डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दो……., पिया तू अब तो आजा…… पर उपस्थित दर्शक काफी रोमांचित हुए। वहीं गौशाला परिसर में उपस्थित हजारों की भीड़ पार्श्व गायक मो अजीज का इंतजार कर रही थी। उनके मंच पर आते ही पूरा गौशाला परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। फिर शुरू हुआ मो अजीज के गाने का दौ। जिस पर लोगों ने अपने आपको झूमने से रोक नहीं पाए। मो अजीज के द्वारा गाए गए गाना बड़ी दूर से आए हैं, प्यार का तोहफा लाए हैं……. इमली का बूटा बेरी का पेड़……., मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू……., आज कल याद कुछ और रहता नहीं……., दुनिया में कितना गम है मेरा गम कितना कम है…….., बदन पे सितारे लपेटे हुए……………. सहित एक से बढ़कर एक गानों की प्रस्तुति दी गई।

वहीं मो अजीज एवं अर्पिता की जुगलबंदी भी लोगों को झूमने को विवश कर दिया। मो अजीज एवं अर्पिता के गीतों ने दर्शकों को भी उनके सुर में सुर मिलाने को मजबूर कर दिया। दोनों गीत कारों ने जुगलबंदी के दौरान जाने दो जाने दो मुझे जाना है……, छुप गए सारे नजारे ओए क्या बात हो गई…….., मैं से ना मीना से ना साकी से……, तू मुझे कबूल मैं तुझे कुबूल….., प्यार हमारा अमर रहेगा……. जैसे एक से एक बढ़कर गीतों की प्रस्तुति दी. साथ ही सुंदर एवं चिरंजीवी की जुगलबंदी ने भी लोगों को खूब रोमांचित किया। उनके द्वारा गए गए गाना मेरे रश्के कमर……, सोचता हूं कि वह कितने मासूम थे……. ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।


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