फर्जीवाड़ा : उदाकिशुनगंज के 211 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिखाया टीएचआर वितरण, फर्जी वितरण का हो सकता है भंडाफोड़

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उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर मिलने वाली पोषाहार वितरण राशि का बंदरबांट * फर्जी वितरण दिखाकर कर लिया राशि का उठाव, बड़े पैमाने पर हेरीफेरी * दिसंबर माह की राशि समेकित बाल विकास परियोजना के कर्मी और सेविका द्वारा 50-50 का खेल? उच्चस्तरीय जांच के साथ दोषी पर कार्यवाही की माँग

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मधेपुरा/बिहार :  उदाकिशुनगंज समेकित बाल विकास परियोजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के पर मिलने वाली सरकारी राशि से सिस्टम में शामिल लोग मालामाल हो रहे, हर जगह घपला है। आंगनबाड़ी के छोटे-छोटे बच्चों के लिए भेजी गई राशि पर सरकारी सेवकों की नजर है।

मिली जानकारी के अनुसार उदाकिशुनगंज प्रखंड बाल विकास परियोजना का कार्यालय के आंगनबाड़ी कार्यालय के कर्मी और प्रखंड क्षेत्र के सेविका के मिली भगत से दिसंबर माह के राशि को गबन कर दिए जाने को लेकर लोगों में तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। जानकारी के अनुसार प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय में अधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से 211 आंगनबाड़ी केंद्रों के टीएचआर की राशि गबन का मामला प्रकाश में आने से कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है, उक्त मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों ने उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

सरकारी गाइडलाइन के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों के बैंक खाते में विभाग से टेक होम राशन (टीएचआर) की सामग्री खरीद के लिए राशि आवंटित होने के बाद ही आंगनबाड़ी विकास समिति के खाते से उक्त राशि की निकासी कर विभाग द्वारा जारी निर्धारित समय पर सामग्री की खरीदारी कर कुपोषित, अतिकुपोषित, धातृ एवं गर्भवती लाभुकों के बीच टीएचआर सूखा राशन का वितरण किया जाता है, लेकिन बाल विकास परियोजना कार्यालय के अधीनस्थ क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के विकास समिति के खाते से राशि निकासी कर लाभुको को लाभ से वंचित कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के कुल 211 में से 203 आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा कागज पर फर्जी तरीके से टीएचआर का वितरण कर दिया गया, क्रय पंजी भी कार्यालय को उपलब्ध करा दी गई।  उक्त 203 केंद्रों के लाभुक लाभ से वंचित रह गए, बैंक से राशि का उठाव किए बिना ही फर्जी तरीके से कागजों पर टीएचआर का वितरण दिखाया गय,  इसमें सीडीपीओ के साथ संबंधित एलएस की ओर भी संदेह की सूई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उदाकिशुनगंज प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका को बीते दिसंबर माह की विभाग द्वारा राशि भेजी गई थी, लेकिन कार्यालय में कार्यरत एलएस और अन्य कर्मियों द्वारा सेविका से ताल मेल कर 50 -50 का खेल किया गया है, प्रखंड के विभिन्न पंचायत में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को दिसंबर का 15 हजार 46 रुपए प्रत्येक केंद्र पोषाहार के लिए मिला है. लेकिन किसी भी केंद्र के पोषक क्षेत्र के लोगों का इसका लाभ नही दिया गया. जबकि उक्त सभी केंद्र का राशि को सेविका और बाल विकास परियोजना कार्यालय में भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया,  सूत्रों के हवाले से बताया कि सूक्ष्म तरीके से जांच कराया जाय तो बड़ी घोटाला से इंकार नही किया जा सकता है।

आईसीडीएस कार्यालय कर्मी के द्वारा बड़े पैमाने पर राशि का गबन : फर्जी तरीके से कागजों पर टीएचआर का वितरण दिखाया गया है, प्रत्येक केंद्र से 4000 से 5000 हज़ार रुपये की वशूली भी सीडीपीओ कार्यालय के कर्मियों द्वारा कर ली गई है. इससे यह स्प्ष्ट हो जाता है कि सीडीपीओ के कार्यालय के कर्मी के द्वारा बड़े पैमाने पर राशि का गबन किया गया है। इसमें सीडीपीओ के साथ संबंधित एलएस की ओर भी संदेह की सूई है,  हालांकि इस मामले में अन्य अधिकारी के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। वहीं बताया जाता है कि पिछले माह भी किये गए वितरण में भी धांधली बरती गई है. जिनकी भनक तक किसी को नहीं लगने दी गई है।  उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के 211 केंद्रों के लाभुकों से जब हमने बात की तो पता चला कि सही समय पर कभी भी टीएचआर वितरण नहीं किया जाता है,  वितरण में भी धांधली की जाती है।  जब वे लोग संबंधित एलएस या सीडीपीओ से शिकायत करते हैं तो मामला जाँच तक रह के सिमट जाता है,  जाँच के नाम पर अधिकारियों के द्वारा रूपियों की उगाही कर ली जाती है,  पुनः जब हमलोग आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका की अधिकारियों से शिकायत करने की बात कहते हैं तो वह बोलती है सब मैनेज है, जहाँ शिकायत करना है कीजिये कोई आपत्ति नहीं है। यह बड़ा सवाल है कि अधिकारियों के द्वारा जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है,  उदाकिशुनगंज सीडीपीओ कार्यालय विवादों के जद में रहा है, कई मामले प्रकाश में आये हैं लेकिन कार्यवाही बस एक मख़ौल बनकर रह गई है।

आंगनबाड़ी केन्द्रों में लाभुको को मिलने वाली पोषाहार  : आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक सरकारी संस्था है जो शिशुओं और बाल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित की गई है, यहां पर बच्चों को उचित पोषण, वैकल्पिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक विकास के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं, आंगनबाड़ी केंद्रों का उद्देश्य गरीब और निर्धन परिवारों में रहने वाले बच्चों को एक सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित माहौल प्रदान करना है, वहीं आंगनबाड़ी में बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है जिसमें दूध, अनाज, फल, सब्जियां, दाल और प्रोटीन युक्त आहार शामिल होता है, यह उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

वहीं मामले में प्रभारी सीडीपीओ हरिनाथ राम ने बताया कि मामले की जानकारी प्राप्त हुई है, मामले को देखा जा रहा है।

कौनैन बशीर की रिपोर्ट


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