मधेपुरा/बिहार : मणिपुर में लगातार हो रहे हिंसा एवं महिलाओं के साथ हुये यौन उत्पीड़न के खिलाफ आज यहां भाकपा कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय के समक्ष प्रतिरोध मार्च कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया. प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि मणिपुर में महिनों से इसाई आदिवासी समुदाय एवं कमजोर वर्गों पर अत्याचार जारी है, पिछले दिन एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें भीड़ औरतों को नग्न कर उनके जिस्म से खेल रही है. यह घटना उस उस देश में हुई है, जहां हर दिन यह झूठ दोहराया जाता है कि यहां नारी की पूजा देवी की तरह होती है. वहीं बड़ी निर्लज्जता से केंद्र की मोदी सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा भी देती है.
मणिपुर में जारी हिंसा गुजरात दंगा की तरह संघी सरकार द्वारा प्रायोजित : प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि यहां तो जाति, धर्म, भाषा, भूगोल के नाम पर पहचान की राजनीति ने आदमी को ही आदमखोर बना दिया है. एक बार फिर सावित हो गया कि संघ परिवार अपनी राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए कोई भी हदें पार कर सकता है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा गुजरात दंगा की तरह संघी सरकार द्वारा प्रायोजित है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना से पूरी दुनिया में भारत शर्मसार हुआ है. शीघ्र हीं मणिपुर में हो रहे हिंसा पर रोक लगायी जाये और वहां की सरकार को बर्खास्त किया जाये, अन्यथा भाकपा व्यापक संघर्ष के लिए बाध्य होगी. भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि मणिपुर की घटना एक खास तबका एवं खास पार्टी के लोगों द्वारा किया जा रहा है. इतनी बड़ी हिंसा के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनहीनता अत्यंत आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि केंद्र व मणिपुर सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप कर शीघ्र ही सरकार को बर्खास्त करने की मांग : किसान सभा के राज्य सचिव रमण कुमार ने कहा कि मणिपुर में मां बहनों का चीर हरण एवं दमन नहीं सहेंगे. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप कर शीघ्र ही सरकार को बर्खास्त करने की मांग की. भाकपा के अंचल मंत्री अनिल भारती एवं भाकपा नेता रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि मणिपुर की घटना मानवता को तार तार कर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा का चाल चरित्र जग जाहिर हो चुका है. अब इसे 2024 में गंगा घाट जाना तय है. युवा नेता शंभू क्रांति एवं मजदूर नेता दिलीप पटेल ने कहा कि दंगाइयों एवं बलात्कारियों की सरकार नहीं चलेगी. नेताओं ने कहा कि मणिपुर हिंसा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दें, वरना गद्दी छोड़ दें.
प्रतिरोध मार्च में भाकपा नेता कृष्णा मुखर्जी, मो सिराज, लक्ष्मण मंडल, मो अब्बास, एआईएसएफ के जिला सचिव शुभम स्टालिन, मजदूर नेता मो अख्तर, बद्री सदा, सिकंदर सदा समेत अन्य उपस्थित थे.
अमित अंशु की रिपोर्ट