मुस्लिम संगठनों तथा खानकाहों ने एक साथ समान नागरिक संहिता को किया खारिज, और लोगों से लॉ कमीशन के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराने की अपील

Sark International School
Spread the news

प्रेस विज्ञप्ति : बिहार, ओडिशा और झारखंड सहित बिहार के विभिन्न मुस्लिम संगठनों और खांकाहों ने समान नागरिक संहिता के संबंध में जनता की राय मांगने वाली विधि आयोग की अधिसूचना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधि आयोग की यह प्रक्रिया पूरी तरह अनावश्यक और अनुचित है ।

इसी विधि आयोग ने 2018 में समान नागरिक संहिता को अनावश्यक और अवांछनीय बताकर खारिज कर दिया था और अब इस मामले को फिर से उठाया है और एक महीने के भीतर जनता की राय मांगी है। हमारी एक आम भावना है कि समान नागरिक संहिता सभी धर्मों के अनुयायियों तथा सांस्कृतिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों के लिए हानिकारक है और विश्व स्तर पर देश की छवि को धूमिल करती है। इसलिए सभी लोगों को समान नागरिक संहिता को अस्वीकार करना चाहिए और विधि आयोग को अपनी प्रतिकृया से अवगत कराना चाहिए।

Sark International School

इन धार्मिक नेताओं ने कानूनी और तार्किक आधार पर समान नागरिक संहिता के नुकसान को स्पष्ट करते हुए,  आम नागरिकों के इलावा, सिविल सोसाइटीज़, न्यायविदों, विद्वानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा हर वर्ग एवं धर्म के प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे विधि आयोग के समक्ष समान नागरिक संहिता के प्रति  कड़ा विरोध दर्ज कराएँ।

विधि आयोग के समक्ष सार्वजनिक रूप से विरोध दर्ज कराने के लिए एक संदेश का नमूना भी बनाया गया है, जो लोगों को उनके व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा जा रहा है और उनसे अपील की जा रही है कि वे विधि आयोग को अपने नाम के साथ मेल के द्वारा भेजें। उस संदेश  की एक प्रति भारतीय मुख्य न्यायाधीश तथा भारत के राष्ट्रपति को भी भेजें ।

अपीलकर्ताओं में  इमारत शरिया बिहार ओड़ीशा एवं झारखंड, इदारा शरिया बिहार,  जमीयत उलेमा बिहार, जमात इस्लामी बिहार, खानकाह मुजीबिया फुलवारी शरीफ़, ख़ानक़ाह मुनिमिया कमरिया मीतन घाट , खानकाह फिरदौसिया मनेर शरीफ, मजलिस उलेमा वल खुतबा इमामिया (शिया जमाअत) तथा बिहार स्टेट मोमिन कान्फ्रेंस के प्रतिनिधि शामिल हैं।


Spread the news
Sark International School