दो दिवसीय तालीमी बेदारी व इस्लाह मोआशरा इजलास-ए-आम का दुआ के साथ हुआ समापन

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छातापुर/सुपौल/बिहार : प्रखंड के कटहरा पंचायत के वार्ड नंबर 6 में आयोजित दो दिवसीय तालीमी बेदारी व इस्लाह मोआशरा इजलास-ए-आम का समापन रविवार को दुआ के साथ हुआ। हजरत मौलाना अब्दुल वहाब के द्वारा मुल्क की सलामती के लिए अमन चैन की दुआ मांगी गई। आयोजित जलसा में मौलाना मो असलम चतुर्वेदी और मौलाना मो कमरुद्दीन चतुर्वेदी ने राष्ट्र की एकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी धर्म के लोगों के साथ मोहब्बत के साथ रहना चाहिए। कहा कि सबका ईश्वर एक है, सब अपने अपने तरीके से ईश्वर की इबादत करते हैं, अलग-अलग नामो से लोग ईश्वर को जानते है।

उन्होंने कुरआन और रामायण सहित सभी धर्मो के धार्मिक पुस्तकों का अर्थ बताते हुए कहा कि चारों वेदों में एक ही बात इश्वर की भक्ति और अल्लाह की बंदगी का पैगाम है। उन्होंने कहा चारों वेद रमायण, कुरआन, गीता,  बाइबिल में लिखा है, लगभग 1 लाख 24 हजार नबी में आखरी नबी के बताये मार्ग पर सभी को चलने की जरुरत है।

जलसा को मौलाना मुफ़्ती व काजी मोजिबउर्रह्मान अल कासमी ने सम्बोधित करते हुए कहा मुसलमान कुरआन के बताए हुए रास्ते पर चलकर समाज और देश के लिए नमूना पेश करे। उन्होंने कहा मुसलमान तभी आगे बढ़ सकता है जब बच्चों में अच्छी तालीम होगी। हर आदमी को चाहिये कि फिजूल खर्ची करने के बजाय अपने अपने बच्चों को अच्छी तालीम देने में खर्च करने की बात कही। उन्होंने कहा की शिक्षा में तरक्की होगी तभी हम भारत को आगे बढ़ा पाएंगे। साथ ही उन्होंने रमजान में पाबंदी के साथ नमाज पढ़ने और रोजा रखने की अपील की।

वक्ताओं ने इजलास-ए-आम शिरकत करने वाली महिलाओं को संबोधित करते हुए पांचों वक्त के नमाज, रमजान के रोज़े, शौहर का एहतराम और बेपर्दगी से दूर रहने की अपील की, कहा कि इस्लाम मे ऋण (सूद) खाना हराम है और नशाखोरी, रिश्वतखोरी, दहेज प्रथा, हकमारी व औरतों पर जुल्म व अत्याचार करना इस्लाम धर्म के खिलाफ है।
कार्यक्रम के अंत में स्थानीय मुखिया साबीर कौशर ने सभी वक्ताओं को शॉल देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को फक्र करना चाहिए कि हम सभी हिन्दुस्तानी है। हिन्दू, मुस्लिम,सिख, ईसाई आपस में हम सब भाई-भाई हैं। वहीं शायरों ने एक से बढ़कर एक शायरी और नाते व गजल के माध्यम से उर्दू की खूबसूरती को रेखांकित किया। दुआ के बाद ओलेमाओं ने मदरसा जामिया सगिरिया बहरुल उलूम के भवन निर्माण का नीवं रखा।

इरशाद आदिल की रिपोर्ट


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