मधेपुरा/बिहार : जिले का तमाम घर, गली एवं दीपावली की शाम सोमवार को दीपों एवं झालरों से जगमगा उठा. संध्या से ही रंगोली सजाने के लिए घरों की महिलायें एवं युवतियों ने सामग्री इकठ्ठा कर लिया और सजाने का काम शुरू किया. संध्या पांच बजते ही दिये एवं झालर जलने के बाद घर-चौराहे पर हर तरफ प्रकाश छा गया तथा चौराहे की सुंदरता को चार चांद लग गया. दीप सजाने से पूर्व आकर्षक रंगोली सजाई गई.
इसे लेकर मुख्यालय के विभिन्न मोहल्ले में उत्सव का माहौल दिखा. महिला रंगोली सजाने में व्यस्त दिखे तो बच्चे अभिभावकों के साथ पटाखे एवं फुलझड़ियां छोड़ते हुये आनंदित होते रहे. चायनीज बल्बों से लोगों ने मकानों को सजाया. चारों तरफ रोशनी से बाजार जगमग करते रहा. लोगों ने अपने घरों को दीपों व बिजली के बल्ब से दुल्हन की तरह सजाया. परंपरा का प्रतीक हुक्का-पाती खेला गया व आकाशदीप भी जलाये गये एवं बच्चों ने जमकर पठाखे भी छोड़े. दीपावली में बच्चे-बुजुर्ग सभी में काफी उत्साह दिखा.
पुलिस व्यवस्था रही मुस्तैद, सोशल नेटवर्किंग माध्यम से दीपावली की शुभकामनायें : रोशनी का पर्व दीपावली जिले भर में धूमधाम के साथ मनाई गई. इस दौरान चारो तरफ खुशियों का माहौल नज़र आया. देर रात तक लोग आतिशबाज़ी में व्यस्त रहे. इससे पहले घरों, दुकानों एवं दफ़्तरों को आकर्षक रंगीन लाइट्स से जगमग किया गया. इस दौरान चारो तरफ खुशियों का माहौल नज़र आया. लोगों ने अपने-अपने तरीके से घरों एवं प्रतिष्ठानों में खास सजावट की. लोगों ने विधि विधान के साथ लक्ष्मी पूजन किया एवं आतिशबाजी की. दिवाली को देखते हुए पूरे जिले में पुलिस व्यवस्था मुस्तैद रही. एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला सोशल साइट्स पर भी चला. लोगों ने एसएमएस, व्हाट्सऐप एवं फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग माध्यमों के जरिये एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनायें की.
मिठाई एवं पटाखों की खूब हुई खरीदारी : ज्योति पर्व दीपावली जिले के सदर, सिंहेश्वर, शंकरपुर, गम्हरिया, घैलाढ़, कुमारखंड, मुरलीगंज, बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा, उदाकिशुनगंज, आलमनगर, पुरैनी एवं चौसा प्रखंड में धूमधाम से मनाया गया. शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों, पंडालों एवं प्रतिष्ठानों में विघ्र विनाशक गणेश जी व माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की गई. वहीं आतिशबाजी से आसमान सतरंगी हो गया. धरती व आसमान का नजारा देखते ही बन रहा था. प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर लोग कई दिन से तैयारी कर रहे थे. सुबह से ही हर आयु वर्ग के लोगों में खूब उत्साह रहा. सुबह घरों की साफ-सफाई के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया. किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदा. साथ में मिठाई व पटाखों की भी खरीदारी की गई.
बच्चों ने देर रात तक की जमकर आतिशबाजी : घरों में महिलाओं ने पकवान बनाये. शाम को घर के बड़े-बुजुर्गों ने स्नान कर घरों एवं दुकानों में शुभ मुहूर्त में पूजन किया. मंदिरों में शाम को विद्युत झालरों से सजावट की गई. वहीं शाम को महिलाओं ने अपने घर के आंगन में विभिन्न रंगोलियां बनाई एवं मां लक्ष्मी व श्री गणेश जी पूजा अर्चना कर दीप जलाये. बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की. आधी रात तक जिला मुख्यालय में त्योहार का धूम-धड़ाका होता रहा. सुबह से ही लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों एवं परिचितों को त्योहार की बधाइयां देते रहे. लोगों ने मिठाई व उपहार देकर एक-दूसरे को त्योहार की शुभकामना दी. शाम होते होते जिला मुख्यालय प्रकाश में नहा उठा. लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों को फूलों, दीपों एवं बिजली की झालरों से सजाया.