मधेपुरा/बिहार : अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर बिहार राज्य किसान सभा के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष गुरुवार को प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया. खाद की किल्लत दूर करो, बिहार को सुखाड़ घोषित करो, कृषि उत्पाद का एमएसपी को कानूनी दर्जा दो, कालाबाजारी पर रोक लगाओ एवं भ्रष्टाचारी सरकार इस्तीफा दो के गगनभेदी नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सीपीआई के जिला सचिव विद्याधर मुखिया ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार किसान विरोधी है. इसके शासनकाल में जहां 12 हजार प्रति वर्ष किसानों ने आत्महत्या किया, वहीं 2021 तक 40 हजार चार मजदूरों ने रोजगार के अभाव में अपनी जान गवाई है. समस्याओं से सारा देश त्राहिमाम है. किसान सभा के राज्य सचिव मंडल सदस्य रमन कुमार ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार के बल पर चल रही है. यूरिया दो सौ 67 रुपये प्रति बोरा के बदले, किसानों को पांच सौ से सात सौ रुपये प्रति बोरा खरीदने पर विवश होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को गद्दी से हटाना भारत के आम आवाम की आवाज हो गई है.
सीपीआई नेता शैलेंद्र कुमार, मो जहांगीर एवं दशरथ यादव ने कहा कि सरकार व सरकारी तंत्र भ्रष्ट है. यह सरकार किसान मजदूरों का शोषण कर अमीरों को अमीर बनाने वाली रह गई है. यह घोटालेबाज एवं जुमलेबाज की सरकार है. एआईवाईएफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंभू क्रांति, एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन, कृष्णा मुखर्जी व शुभम लेलिन ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है एवं किसानों के हित में केंद्र सरकार कुछ भी नहीं कर रही है. नरेंद्र मोदी की सरकार, पूजीपतियों की सरकार है. हम छात्र, नौजवान एवं किसानों के इस आंदोलन के लिए अंतिम सांस तक आंदोलन करेंगे, जो हमारी बाध्यता होगी. जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी.
कार्यक्रम में विरेंद्र राम, अनिल पासवान, दिव्यांशु राज, मनीष यादव, मोहन वर्मा, भूपेंद्र साह एवं बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया.