BNMU : व्यवस्था में पारदर्शिता और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की दिशा में पहल करे बीएनएमयू * पदाधिकारियों के साथ चिपके हुए कुछ बाहरी तत्व के कारण महत्वपूर्ण सूचनाएं होती हैं लीक * पैरवीकार से नामांकन बदनाम
मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में विगत सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं विशेषकर एडमिशन टेस्ट,नामांकन में उपजे विवाद, छात्रों के असंतोष साथ ही समय समय पर अति महत्वपूर्ण दस्तावेजों अथवा निर्णयों की कॉपी लीक होने पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कड़ी नाराजगी जताई है।
इस सम्बन्ध में बीएनएमयू कुलपति को पत्र लिखकर राठौर ने संगठन की ओर से नाराजगी जताते हुए इसे दुर्भाग्य बताया साथ ही इन बिंदुओं पर गम्भीरता से विचार करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कुलपति को लिखे पत्र में एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि प्रवेश परीक्षा, नामांकन में विवाद मानों बीएनएमयू की नियति बन गई है। बीएड नामांकन में रोस्टर की अनदेखी, सीट से ज्यादा नामांकन का मामला अभी शांत हुआ भी नहीं पैट 20 में नामांकन में धांधली विश्वविद्यालय पर बदनामी का एक और धब्बा लगा दिया। कुछ छात्रों द्वारा किया गया अनशन ऐसे प्रश्नों को जन्म दे रहा है। इसका मूल कारण इससे जुड़े पदाधिकारियों के नियत में खोट होना और बीएनएमयू के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का घोर अभाव होना है।
पैट 20 में लगातार उपज रहे विवाद पर राठौर ने विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट निर्णय लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वरीय पदाधिकारी खुलकर कोई बात नहीं कह रहे और छात्रों को गुमराह कर रहें हैं। एआईएसएफ मांग करती है कि विश्वविद्यालय साफ करे कि स्वच्छ वातावरण में कोर्स वर्क चलने दे अथवा पूरे प्रकरण की जांच कर सबकुछ ठीक करे। राठौर ने कहा कि गड़बड़ी तो बड़े पैमाने पर हुई है जो सब जानते हैं बस मौन रहने का नाटक चल रहा है क्योंकि कई साहब व सफेद पोस की गर्दन खुद फंसी है। अगर विश्वविद्यालय जांच की पहल करेगी तो एआईएसएफ की मांग है कि सभी विषयों के चयन प्रक्रिया, चयन सूची, प्रवेश परीक्षा और मौखिकी के अंकों की तालिका, रोस्टर के पालन की जांच हो साथ ही सात वरीय पदाधिकारियों के फोन के कॉल व चैट रिकॉर्ड को भी जांच के घेरे में लाने की मांग होगी। एआईएसएफ अपनी मांगों से सम्बन्धित साक्ष्य भी मजबूती से जांच टीम के सामने उपलब्ध कराएगा।वहीं शेष बचे सीटों को अविलंब निर्धारित कर पैट 21 की ओर कदम बढ़ाए जिससे अधिक से अधिक छात्रों के पीएचडी करने का मार्ग तैयार हो।
राठौर ने साफ किया कि संगठन किसी कीमत पर छात्रों को प्रताड़ित नहीं होने देगा अगर जांच होगी तो निर्धारित समय में उसके रिपोर्ट की गारंटी हो जिससे कोर्स वर्क किसी प्रकार प्रभावित न हो वहीं पैट 21 की अविलंब पहल शुरू हो। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि कुछ पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय को अपना दुकान बना कर रख दिया है। दूसरी तरफ लगातार कई महत्वपूर्ण अधिसूचना, निर्णय, कागजात के तत्क्षण लीक होने पर आश्चर्य व्यक्त करते राठौर ने कहा कि कई पदाधिकारियों के इर्द गिर्द कुछ लोग हमेशा मंडराते रहते हैं، ऐसे लोगों को चिन्हित कर कारवाई की जरूरत है، साथ ही पदाधिकारियों को अपने पद की गरिमा समझने की भी जरूरत है، जिससे गोपनीयता बरकरार रहे।
एआईएसएफ की ओर से राठौर ने मांग किया कि कुलपति कड़े फैसले ले अन्यथा हालात और बुरे होंगे، अपनी रोटी सेंकने वाले चंद दोहरे चरित्र के पदाधिकारियों के कारण छात्रों का भविष्य यूं ही दांव पर लगता रहेगा।