बीएनएमयू : जो टीम छात्रों के साथ न्याय नहीं कर सके, वैसी टीम का श्राद्ध व बरसी करना ही बेहतर

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मधेपुरा/बिहार : बीएड ऑन स्पॉट नामांकन में हुई धांधली, सीट से अधिक नामांकन एवं रोस्टर की व्यापक अनदेखी की जांच के लिये बनी जांच कमिटी द्वारा निर्धारित 10 दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करने के बजाय एक साल में भी जांच पूरा नहीं करने पर एआईएसएफ एवं एआईवाईएफ कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये इसे बेशर्मी की पराकाष्ठा बताया है. एआईएसएफ एवं एआईवाईएफ ने शनिवार को बीएनएमयू परिसर में भूपेंद्र नारायण मंडल स्मारक स्थल के सामने जांच टीम को मृतप्राय बताते हुये उनकी बरसी मनाई एवं बाल-दाढ़ी मुंडवाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि एआईएसएफ व पीड़ित छात्रों द्वारा सीट से अधिक नामांकन, रोस्टर की अनदेखी एवं व्यापक रूप में धांधली की अनेकों साक्ष्य प्रस्तुत करते हुये, जांच व न्याय की मांग की गई, लेकिन विवि द्वारा ही निर्धारित 10 दिन की जगह एक साल में रिपोर्ट नहीं आने से यह साफ है कि जांच टीम मृतप्राय हो गई है, जो टीम छात्रों के साथ न्याय नहीं कर सके, वैसी टीम का श्राद्ध व बरसी करना ही बेहतर है. बरसी भी बहुत कम है, इन लोगों ने छात्रों के साथ न्याय नहीं किया है एवं निजी हित व पैसों के लिए जांच अधूरा रखा, इसलिए उनके बच्चों का भविष्य कभी अच्छा नहीं हो सकता है. ऐसे दोहरे चरित्र के लोगों को बेनकाब करने की जरूरत है, जो दो-दो चेहरे लेकर समाज को गुमराह करते हैं. गांधीवादी तरीके से आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जबतक बेशर्मी पार कर चुके पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझते हैं.

 एआईवाईएफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंभु क्रांति ने कहा कि पहले देश व राज्य में जुमलेबाजों की चर्चा होती थी, अब विवि में भी ऐसे लोगों की बाढ आ गई है, जो माइक पर ढेर सारे लतीफे पढ़ते हैं, लेकिन जमीन पर जीरो हैं. इंटरव्यू के 25 दिन बाद भी मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र में विभाग में सूची जारी नहीं होना एवं सात साल से लगातार वादा के बाद भी गर्ल्स हॉस्टल शुरू नहीं होना इसका प्रमाण है. पैट 20 का संशोधित रिजल्ट अभी तक नहीं आने से छात्र परेशान हैं. विवि में अराजकता चरम पर है. यह आंदोलन अंजाम तक किसी कीमत पर पहुंचाया जायेगा. एआईएसएफ के राज्य परिषद सदस्य सौरव कुमार ने कहा कि विवि के स्थापना का उद्देश्य अभी तक प्राप्त नहीं किये जा सके हैं. पीड़ित छात्रों के साथ न्याय नहीं देना एवं विवि में चापलूस पदाधिकारियों की बढ़ती संख्या दुखद है. एआईएसएफ की राज्य पार्षद मौषम प्रिया ने कहा कि जो विवि आधी आबादी की रट लगाये रहती है, वो आज तक वर्षों से निर्मित गर्ल्स हॉस्टल शुरू नहीं कर पाई है और न ही नि:शुल्क छात्रा व एससी-एसटी शिक्षा को सही से लागू कर पाई है.

मौके पर पर राहुल, धारुव, संत, जय कुमार, पंकज, उमेश, सुमन आदि उपस्थित रहे.

मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

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