सुरसर नदी के उफान से कई गाँव में बाढ़ जैसे हालात

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छातापुर/सुपौल/बिहार : लगातार बारिश और कोशी मुख्य नहर से पानी छोड़े जाने के कारण प्रखंड क्षेत्र में सुरसर व गैडा नदी उफान पर है। दोनों ही नदियों के क्षतिग्रस्त टतबंध से निकली जलधारा से हजारों एकड मे लगे धान की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। ग्रामीण इलाके की अधिकांश सडकों पर पानी चढ जाने से आवागमन बाधित हो गया है और पानी के दबाव मे कई सडकें क्षतिग्रस्त हो गई है वहीं सुरसर नदी पर शिवनी घाट के समीप बना चचरी पूल को  जल-प्रवाह बहा ले गई।

नतीजतन इलाके के सैकड़ो की आबादी के समक्ष पैदल आर-पार होने की समस्या उत्पन्न हो गई है। नदियों के रौद्ररूप के कारण कई गांव टापू में तब्दील हो गया है और प्रखंड का निचला इलाका पानी-पानी है। बाढ के कारण हालात भयावह बना हुआ है और आपदा की स्थिती में भी प्रशासनिक पदाधिकारी दृश्य से गायब हैं। सबसे खराब स्थिती रामपुर पंचायत वार्ड संख्या आठ स्थित महादलित बस्ती की है। जहां मुख्य सड़क में कई जगहों पर पांच से 10 फीट तक पानी का बहाव है और सैकड़ो की आबादी टापुनूमा जीवन गुजारने को मजबुर हो गई है। बस्ती से लोगों को बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है जहां लोगों के बीच भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं माधोपुर पंचायत के वार्ड संख्या एक से लेकर चार तक लोगो के घरों मे पानी प्रवेश कर गया है और पुरा गांव पानी-पानी है। जिसके कारण मवेशी पालक के समक्ष चारा की समस्या विकराल बना हुआ है।

सुरसर व गैडा नदी मे जवप्रवाह मे उफान से ठूंठी, भीमपुर, लक्षमिनीयां मधुबनी, उधमपुर, जीवछपुर, लालगंज, माधोपुर, झखाङगढ, चुन्नी, छातापुर, महम्मदगंज, राजेश्वरी पूर्वी व पश्चिमी पंचायतों मे घान की फसल बर्बाद हो गए और बाढ जैसे हालात बने हुए हैं। वहीं आंधी व बारिश के कारण शेष पंचायतों मे भी फसलों का भारी नुकसान देखा जा रहा है। रामपुर के समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने बताया कि वार्ड संख्या आठ स्थित महादलित बस्ती के करीब 150 परिवार चारों दिशाओं से पानी से घिरे हुए हैं। टापू का रूप ले चुके इस बस्ती मे सैकडों लोगों का जीवन बद से बदतर हो गया है।

जहां प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार का राहत व बचाव कार्य नही किया जा सका है। बस्ती से बाहर निकलने के लिए कम से कम एक नाव की तत्काल आवश्यकता है। एसडीएम से लेकर बीडीओ व सीओ को स्थिती से अवगत कराते राहत व बचाव कार्य का अनुरोध किया गया। लेकिन प्रशासन के द्वारा उक्त स्थल पर अभी तक एक नाव की व्यवस्था भी नही की गई। छातापुर सीओ शनिवार को हालात का जायजा लेने आये और तत्काल एक नाव उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिया गया। लेकिन रविवार को बात करने पर उन्होने चुनाव कार्य मे व्यस्त रहने की लाचारी बताते खुद ही नाव की व्यवस्था करने की बात कह दी।

रियाज खान
संवाददाता
छातापूर/सुपौल

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