मधेपुरा/बिहार : बीएड के नए सत्र में नामांकन शुरू होने से पहले ही सौ छात्रों को मान्यता रद्द सरकारी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, सहरसा आवंटित होने के मामले को सोमवार को देर शाम उठाने वाला वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर के नेतृत्व में चार सदस्यीय शिष्टमंडल ने मंगलवार को कुलपति वेषम में कुलपति से मुलाकात कर मांगपत्र सौंपते हुए इस प्रकरण में तत्काल पहल की मांग की ताकि सौ छात्रों का भविष्य दांव पर न लगे।
हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा है कि बीएनएमयू प्रशासन की लापरवाही से सीईटी में सर्वश्रेष्ठ अंक पाने वाले छात्रों को नोडल विश्वविद्यालय एलएनएमयू, दरभंगा ने सरकारी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, सहरसा के रूप में एक ऐसा कॉलेज आवंटित कर दिया, जिसकी मान्यता रद्द करने की खबर एनसीटीई ने दो सितम्बर 2020 को जारी पत्र में विश्वविद्यालय को दे दी थी। बावजूद उसके उक्त कॉलेज का नाम लिस्ट में बीएनएमयू द्वारा भेजा गया।
छात्र संगठन को कुलपति ने कहा कि सरकारी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय सहरसा ने विश्वविद्यालय को अंधेरे में रखा और मान्यता रद्द की सूचना नहीं दी। इस पर छात्र नेता राठौर ने ऐतराज जाहीर करते हुए कहा कि मान्यता रद्द होने की सूचना जब दो सितम्बर 2020 को एनसीटीई ने बीएनएमयू को दे दी थी, इसके अलावा दैनिक पत्रों में भी इसकी खबर छपी थी तो फिर उस कॉलेज को दोषी करार देकर खुद को बचाने की कोशिश शर्मनाक है। राठौर ने कहा कि एलएनएमयू , दरभंगा नोडल ने बीएनएमयू रजिस्टार को 27अगस्त को पत्र भेज विश्वविद्यालय अन्तर्गत सभी एजुकेशन डिपार्मेंट की सूची 29अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा फिर सतर्कता बरत कर सही सूची की जगह गलत सूची भेज दी, जिसका खामियाजा प्रतिभावान छात्रों को अब भुगतना पड़ रहा है।
इस दौरान कुलपति ने कहा कि शिकायत मिलते ही अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, सहरसा के प्राचार्य को गलत सूचना देने को लेकर सोमवार की देर शाम ही स्पष्टीकरण पूछा गया है । एनसीटीई, भुवनेशवर द्वारा बैठक संख्या 283दिनांक24,25 अगस्त 2020 के आलोक में बीएड कोर्स की मान्यता एक्ट 1993 के अनुसार सत्र 2021-22 की रद्द करने की सूचना सितम्बर 2020 में ही आ गई थी, तब से उक्त कॉलेज व विश्वविद्यालय ने मान्यता बहाल करवाने की पहल क्यों नहीं की ? अब जब छात्रों का भविष्य दांव पर आ गया तब एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
छात्र नेता राठौर ने कहा बीएनएमयू इसके पहले भी टी पी कॉलेज और पी एस कॉलेज में संचालित बीएड के रद्द होने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, अब अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय सहरसा के सम्बन्ध में भी वहीं हालत है। एआईवाईएफ राष्ट्रीय परिषद् सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा विश्वविद्यालय सर्वप्रथम प्रभावित सौ छात्रों को सेट करने के लिए एलएनएमयू दरभंगा नोडल से संवाद स्थापित कर बीच का रास्ता निकाले और दोषी पदाधिकारी को कारवाई के दायरे में लाए। मुख्यालय का बीएड, एमएड वर्तमान दौर में बदनामी का कारण बनता जा रहा है उसके दोषियों पर कार्रवाई की जरूरत है।पी ड़ित छात्रों के साथ लंबे समय बाद भी न्याय नहीं हो पा रहा है।
एआईएसएफ राज्य परिषद् सदस्य सौरभ कुमार ने कहा कि संगठन पूरी तरह उन सौ छात्रों के साथ खड़ा है और सरकारी अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय सहरसा के प्राचार्य व विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों पर नोडल दरभंगा को गलत जानकारी देने पर कारवाई की मांग करता है। छात्र नेता आशुतोष ने साफ शब्दों में कहा कि अगर समय रहते इन सौ छात्रों के नामांकन की सही व्यवस्था नहीं हुई तो संगठन आंदोलन को विवश होगा।
लगभग दो घंटे की लंबी वार्ता में कुलपति ने कहा कि संगठन की मांग पर वो गंभीर हैं और छात्रों के हित में पहल को प्रयासरत हैं।