छातापुर/सुपौल/बिहार : तीन माह से वेतन वंचित लाखों शिक्षक के समक्ष भयानक आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है। बुनियादी आवश्यकताओं को पूर्ति करने के लिए शिक्षकों को भारी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। यहां तक कि बीमार शिक्षक और उनके परिजन वेतन के अभाव में समुचित इलाज नहीं करा पा रहे है। संघ निरंतर शिक्षकों की समस्याओं को प्रखण्ड, जिला व राज्य के विभागीय अधिकारियों के समक्ष उठाते रहा है। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इन तमाम परेशानियों के बावजूद बिहार के चार लाख शिक्षक छात्र/छात्राओं के लर्निंग लाॅस की भारपाई में लगे हुए हैं।
उक्त बातें बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह सुपौल जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने बी आर सी छातापुर में शनिवार को आहुत शिक्षक अधिकारी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा।
कहा कि एक वर्ष पूर्व कैबिनेट द्वारा स्वीकृत 15% वेतन वृद्धि का लाभ, नवप्रशिक्षित शिक्षकों का एरियर भुगतान, अप्रशिक्षित शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान, प्रधानाध्यपक पद पर प्रोन्नति का लाभ सहित सभी जायज समस्याओं का हल यथा शीघ्र नही किया गया, तो बिहार के चार लाख शिक्षक उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। वही बैठक में मौजूद प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी और संघीय प्रतिनिधियों के बीच विद्यालय के पठ्न-पाठ्न को दुरुस्त करने पर वृहद चर्चा हुई।
इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष प्रेम पाठक, जिला अनुशासन समिति उपाध्यक्ष गुणानंद सिंह,छातापुर प्रखण्ड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, प्रतापगंज प्रखण्ड अध्यक्ष पंकज मंडल, प्रखण्ड संयोजक प्रकाश कुमार सुमन, प्रखण्ड संरक्षक रईस आलम, प्रखण्ड उपाध्यक्ष उमेश पासवान,चंदन यादव, रामदेव राम प्रखण्ड उप सचिव दिनबंधु सुमन, बी आर पी संतोष ठाकुर, सुभाष कुमार यादव, जयकांत यादव, साकेत कुमार, बालकृष्ण मंडल, रतना कुमारी, उमेश मंडल, चंदन साह सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद थे।