BNMU : अब फेस रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन से बनेगी हाजिरी

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मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अब फेस रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी बनेगी. इससे पहले बायोमेट्रिक हाजिरी का सिस्टम लागू किया गया था. जिसमें अंगुली लगाकर हाजिरी लगती थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष मार्च महीने से अंगुली के निशान से लगने वाली बायोमेट्रिक हाजिरी को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद रजिस्टर पर ही हाजिरी बनाई जा रही थी. इधर फिर से डिजिटल तरीके से हाजिरी बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. इसके लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में फेस रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन लगायेे जा रहे हैं. फिलहाल विश्वविद्यालय के दोनों परिसर मिला कर सात मशीन लगाई गई है. इस बाबत बीएनएमयू कुलपति प्रो डा राम किशोर प्रसाद रमन ने कहा कि अब सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा का पालन करना अनिवार्य हो जायेगा. विश्वविद्यालय के दोनों परिसर के साथ-साथ सभी महाविद्यालयों में भी यह मशीन लगाई जायेगी.

उपस्थिति के साथ साथ समय भी दर्ज करेगी रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन  : बीएनएमयू कुलपति प्रो डा राम किशोर प्रसाद रमन ने कहा कि बीएनएमयू के शिक्षा-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं. इसमें सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों से सहयोग अपेक्षित है. कुलपति ने सभी अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों से अपील किया कि वे बायोमेट्रिक एटेंडेंस की जानकारी प्राप्त कर लें. वहीं विश्वविद्यालय के बायोमेट्रिक तकनीकी सहायक ई रविन कुमार साह ने बताया कि पहले कर्मचारी बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा या अंगुली से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे थे, लेकिन अब मशीन के सामने खड़े होकर अपना मुंह दिखाना पड़ेगा. इसके बाद मशीन उसकी पहचान कर उपस्थिति दर्ज करेगा. मशीन के सामने पांच सकेंड से भी कम समय के लिए खड़ा रहना पड़ेगा. इस दौरान अधिकारियों शिक्षकों एवं कर्मचारियों की वास्तविक पहचान होने पर उपस्थिति दर्ज कर लिया जायेगा. मशीन उपस्थिति के साथ-साथ अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी कब मशीन के सामने पहुंचा वह समय भी दर्ज करेगा

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कक्षाओं को बंक करने वाले शिक्षक-कर्मचारियों को होगी परेशानी : विश्वविद्यालयों में उपस्थिति व अनुपस्थिति पर अब सीधे राजभवन की नजर होगी. ऐसे में तय माना जा रहा है कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बदलेगा. कक्षाओं को बंक करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अब नई व्यवस्था में परेशानी होगी. निर्धारित समय पर नहीं आने का कारण बताना होगा. समय से पहले जाने के बारे में भी पूछताछ होगी. विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की स्वतंत्रता मिली हुई है. ऐसे में विचारधारा के आधार पर शिक्षक अपने मनपसंद राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में हिस्सेदारी लेते रहते हैं. इन कार्यक्रमों में भाग लेते समय भी वे छुट्टी पर नहीं होते हैं. राजनीतिक रौब के कारण उन पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो पाती है. फेस बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से इन सभी समस्याओं का समाधान होगा.

15 मार्च तक विवि व महाविद्यालय में लगाया जायेगा मशीन : ई रविन कुमार साह ने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय के दोनों परिसर मिलाकर सात मशीन लगाई गई है. जिसमें विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस स्थित साइंस संकाय, कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय के भवनों में एक-एक रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई है. वहीं विश्वविद्यालय के पुराने कैंपस स्थित कुलपति कार्यालय, कुलसचिव कार्यालय, वित्त विभाग एवं परीक्षा विभाग में भी रिकॉग्नीशन बायोमेट्रिक मशीन लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि मशीन लगाने का कार्य चल रहा है. विश्वविद्यालय के सभी विभागों के साथ-साथ विश्वविद्यालय अंतर्गत सभी महाविद्यालयों में भी मशीन लगाया जायेगा तथा 15 मार्च तक विश्वविद्यालय एवं सभी महाविद्यालयों में मशीन लगा दिया जायेगा.

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

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