मधेपुरा/बिहार : पुस्तक हमारे सबसे बड़े मित्र हैं. हमें हमेशा अच्छी पुस्तकों को अपने जीवन में स्थान देना चाहिये. पुस्तक हमारे प्रेरणास्रोत हैं. महात्मा गांधी भी भगवद्गीता को पढ़कर प्रेरणा लेते थे. यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो डा आरकेपी रमण ने कही. वे शुक्रवार को शोधार्थी डा स्वास्तिका एवं शिक्षक डा एमआई रहमान द्वारा संयुक्त रुप से लिखी पुस्तक साइकोलॉजी ऑफ फलड के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. समारोह का आयोजन भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान किया गया था.
कुलपति ने कहा कि मुझे पढ़ाई एवं लेखन सबसे प्रिय है. यही हम शिक्षकों का सबसे मौलिक धर्म है. हमें लेखन एवं पढ़ाई, दोनों के साथ-साथ आगे बढ़ते रहना चाहिये. पाठ्यक्रम एवं शोध से संबंधित पुस्तकें लिखें. पुस्तक विमोचन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. यह पुस्तक अंतिम पुस्तक नहीं होगी. कुलपति ने कहा कि हम सभी 33 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के साथ ऑफलाइन क्लास चलायें एवं ऑनलाइन क्लास भी जारी रखें. आज ऑनलाइन क्लास हमारे लिए अनिवार्य हो गया है. पहले मोबाइल लेकर क्लास जाते थे, तो क्लास से निकाल दिया जाता था. आज क्लास के लिए मोबाइल अनिवार्य हो गया है.
हमारी मनसा पवित्र रहे तो हम सीमित संसाधनों में भी कर सकते हैं सफलता प्राप्त : कुलपति ने कहा कि ऑनलाइन क्लास की रिपोर्ट प्रत्येक शनिवार को पहुंचायेें. इसमें नये शिक्षकों से मदद लें. नये शिक्षक हमारे भावी कर्णधार हैं. उन्होंने कहा कि यदि हमें जो काम मिला है, उसे हम पूरी ईमानदारी से करें, तो हमें सफलता अवश्य ही मिलेगी. यदि हमारी मनसा पवित्र रहे और हम दृढ़संकल्पित होकर काम करें, तो हम सीमित संसाधनों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं. विश्वविद्यालय कैसे समग्र रूप से विकसित हो, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करना है. नैक की दिशा में हम सफल नहीं हो पाए हैं. नैक कराना जरूरी है. नये कैंपस के सभी बिल्डिंग्स में एक-एक स्मार्ट क्लास रूम बनाया जायेगा. जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मधेपुरा के पूर्व प्राचार्य सह लॉर्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहरसा के प्रधानाचार्य प्रो डा अशोक कुमार यादव ने कहा कि मधेपुरा की धरती में कई महापुरुष हुये हैं. हम उनकी प्रेरणा से आगे बढ़ते रहें. उन्होंने कहा कि कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आई है. हमें अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी है, यही हमारे लिए दवा है. हमारे क्षेत्र में कोरोना का प्रभाव कम पड़ा है. हमारे क्षेत्र के लोगों की इम्यूनिटी अधिक है.
ऑनलाइन पठन-पाठन के दौर में भी नहीं है पुस्तकों का कोई दूसरा विकल्प : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के एग्जीक्यूटिव मेंबर एवं लायंस क्लब मधेपुरा के अध्यक्ष डा सच्चिदानंद यादव ने कहा कि कोरोना का कोई दवाई एवं वैक्सीन नहीं है. हमें यह याद रखना है कि मानव की सेवा ईश्वर की सेवा है. बीएनमुस्टा के महासचिव प्रो डा नरेश कुमार ने कहा कि किताबें हमारे सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाते हैं. आज ऑनलाइन पठन-पाठन के दौर में भी पुस्तकों का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. यह प्रसन्नता की बात है कि हमारे विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों की पुस्तकें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रही हैं.
समारोह की अध्यक्षता स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा कैलाश प्रसाद यादव, संचालन अकादमिक निदेशक प्रो डा एमआई रहमान, अतिथियों का स्वागत डा शंकर कुमार मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डा आनंद कुमार सिंह ने किया.
मौके पर वाणिज्य संकायाध्यक्ष लम्बोदर झा, सीसीडीसी इम्तियाज अंजूम, एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डा अभय कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर, डा केएस ओझा, डा भावानंद झा, डा रीता सिंह, डा अशोक कुमार, डा कामेश्वर कुमार, डा बीएन यादव, डा मोहित कुमार घोष, शोभाकांत कुमार, डा योगेश कुमार, हेमा कुमारी, डा पंचानंद मिश्र, बीबी मिश्र, दीपक कुमार राणा, डा शब्बीर, शिखा कुमारी, श्रुति सुमन, रीमी कुमारी आदि उपस्थित थे.