मधेपुरा (बिहार) : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य व्यापी आह्वान पर वैशाली जिला के रसूलपुर हबीब में गुलनाज नाम की लड़की को जिंदा जलाकर हत्या करने के विरुद्ध सोमवार को जिला मुख्यालय के मुख्य सड़कों पर कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध मार्च कर समाहरणालय के समक्ष भाकपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह निकम्मी है. गुलनाज की हत्या सरकार के ऊपर एक तमाचा है. गुलनाज को हर हाल में इंसाफ मिले, उसके हत्यारे को शीघ्र गिरफ्तारी की जाय एवं उसके परिजन को 25 लाख मुआवजा दिया जाय. उन्होंने कहा हमारी सभी मांगे पूरी नहीं हुई तो गुलनाज हत्या के खिलाफ आर-पार की लड़ाई होगी, भाकपा संघर्ष को तेज करेगी और इसके गंभीर परिणाम होंगे.
इस अवसर पर भाकपा जिला जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि बिहार की सरकार निकम्मी सरकार है. इस सरकार के कार्यकाल में लगातार दलितों एवं अकलियतों पर अत्याचार हुए हैं. यह अत्याचार बंद नहीं हुई तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी चरणबद्ध एवं व्यापक आंदोलन को बाध्य होगी. मौके पर भाकपा के वरीय नेता किसान सभा के सचिव रमन कुमार ने कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है और इसके संरक्षक नीतीश कुमार की सरकार स्वंय है. अखिल भारतीय नौजवान संघ के प्रांतीय नेता शंभू क्रांति एवं अनिल भारती ने कहा कि बिहार की सरकार जनता को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल है. इसलिए इन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के जिलाध्यक्ष वसीमउद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि चुराई गई जनमत से बने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कानून का राज संभव नहीं है. इसके खिलाफ जुझारू आंदोलन वक्त का तकाजा है. कार्यक्रम में सिराज, रफी अहमद, सचिदा शर्मा, एजाज अख्तर, इरशाद, नसीम, राजीव कुमार, शुभम कुमार, विपिन यादव, अजीज खगेश, हलदर शर्मा, राजू कुमार आदि शामिल थे.