मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू अन्तर्गत तीन महाविद्यालयों में इस वर्ष एकाएक तीन सौ सीटों पर लगे ग्रहण के कारण बड़ी संख्या में बीएड करने को इच्छुक युवाओं के मेहनत पर पानी फिर गया है। इस मामले में समस्या की जड़ तलाशने और समाधान के रास्ते के लिए वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन संगठन के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य,राज्य उपाध्यक्ष सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर के नेतृत्व में गठित किया है। जांच टीम में संगठन के राज्य परिषद सदस्य सह संयुक्त जिला सचिव सौरभ कुमार, एआईवाईएफ के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य शंभू क्रांति,पूर्व छात्र नेता अक्षु देव को शामिल किया गया है ।
जांच टीम के संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि अचानक एक ही सत्र में तीन सौ सीटों पर नामांकन पर रोक लगने से युवाओं में निराशा ही नहीं हाथ लगी है बल्कि बीएनएमयू के द्वारा लगातार नैक से अच्छे अंक पाने की कोशिश को भी झटका लगेगा। जिन तीन महाविद्यालयों में बीएड नामांकन पर एनसीटीई भुवनेश्वर ने रोक लगाई है उसमें समस्या के समाधान को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भारी चूक प्रथम दृष्टया में प्रतीत होता है। संगठन का हर संभव प्रयास रहेगा कि नामांकन पर लगी रोक को हटाने का हर संभव कारगर पहल किया जाए साथ ही लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों पर कारगर कदम उठाने की मांग विश्वविद्यालय से की जाएगी । छात्र नेता राठौर ने कहा कि बीएनएमयू में उजागर हो रहे बीएड से जुड़े मामले से ऐसा आभास होता है कि सरकारी कॉलेजों में इसे खत्म कर निजी महाविद्यालयों में बीएड को समृद्ध करने की साजिश चल रही है, संगठन इसे किसी कीमत पर कामयाब नहीं होने देगा । उन्होंने साफ किया कि एआईएसएफ बीएड करने को प्रयासरत युवाओं सहित विभाग के टीचिंग और नन टीचिंग स्टाफ के साथ है उनके हक के लिए संगठन हर सम्भव सकारात्मक पहल करेगा ।
संगठन के जांच समिति के सदस्य सौरभ कुमार,शंभू क्रांति,अक्षू देव ने कहा कि दुखद है कि बीएड नामांकन में जारी काउंसिलिंग में जिला मुख्यालय के तीन कॉलेजों के नाम नहीं होने पर कॉलेज और विश्वविद्यालय ने एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोप की जगह समाधान को प्राथमिकता नहीं दी।संगठन की जांच समिति इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर अग्रेतर पहल की मांग करेगा।जांच टीम चिन्हित कॉलेजों के साथ साथ उन कॉलेजों के बीएड विभाग को भी जांच के दायरे में लेगा जहां मौजूद कई खामियां वहां के बीएड को खत्म होने की दावत दे रही है।