मधेपुरा : जिले में अब तक 1885 व्यक्ति कोरोना संक्रमित

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» संक्रमण को रोकने के लिये लगाया गया सात चरणों में लॉकडाउन एवं तीन चरणों में अनलॉक

» चालान कर्मी बनकर रह गये हैं चौक चौराहों पर तैनात पुलिस अधिकारी

» प्रचार-प्रसार एवं निर्देश जारी करने के बाद भी कुछ में लापरवाही

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : एक दिन का जनता कर्फ्यू और उसके बाद सात चरणों में लॉकडाउन एवं तीन चरणों में अनलॉक को लेकर अब तक यानी सोमवार तक कोरोना काल के 156 दिन बीत चुके हैं। इन 156 दिनों में जिले में अब तक 1885 व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इन आंकड़ों को अगर रोजाना के प्रतिशत से देखा जाय तो जिले में प्रतिदिन लगभग 12 व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। यह आंकड़ा जिले के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

 हालांकि जिले में स्वस्थ होने का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब तक 1885 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों में से 1426 व्यक्ति स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं तथा 459 व्यक्ति अभी इलाजरत हैं। इसके बावजूद सुबह से ही आवश्यक खरीदारी के नाम पर हर रोज मैन रोड, सुभाष चौक, मस्जिद चौक, कर्पुरी चौक, भिरखी में भीड़ उमड़ रही है। जिससे सोशल डिस्टेंस कहीं नजर नहीं आ रहा है। प्रशासनिक नियंत्रण कमजोर होने के कारण सुबह से शाम तक आवागमन जारी है। रविवार को भी जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के द्वारा 705 व्यक्तियों की जांच में 12 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

संक्रमण को रोकने के लिये लगाया गया सात चरणों में लॉकडाउन एवं तीन चरणों में अनलॉक : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये केंद्र सरकार के द्वारा 22 मार्च को लागया गया जनता कर्फ्यू और उसके बाद केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा लागू किये गये लॉकडाउन से लेकर अब तक सात चरणों में लॉकडाउन एवं तीन चरणों में अनलॉक लगाया गया। केंद्र सरकार के द्वारा पहली बार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू किया गया, उसके बाद 23 मार्च से राज्य सरकार एवं 24 मार्च से केंद्र सरकार के द्वारा लॉकडाउन किया गया, जिसके बाद 15 अप्रैल से लॉकडाउन 2.0, तीन मई से लॉकडाउन 3.0, 18 मई से लॉकडाउन 4.0 लागू किया गया, उसके बाद केंद्र सरकार के द्वारा तीन फेज में ऑनलॉक लगाया गया।

 इसी बीच जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुये जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला द्वारा 10 से 16 जुलाई तक, सात दिन का लॉकडाउन लगाया गया, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा 16 से 31 जुलाई तक लॉकडाउन 5.0, एक से 16 अगस्त तक लॉकडाउन 6.0 एवं 17 अगस्त से छह सितंबर तक लॉकडाउन 7.0 लगाया गया। इस बीच केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के द्वारा कई निर्देश जारी किये गये।

प्रचार-प्रसार एवं निर्देश जारी करने के बाद भी कुछ में लापरवाही : सरकारी एवं निजी कंपनियों में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों, दुकानदारों समेत आम लोगों के कठिनाइयों एवं कई लोगों के द्वारा की जा रही लापरवाही के कारण कोरोना संक्रमण की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर सात चरणों के लॉकडाउन एवं तीन चरणों के अनलॉक को मिलाकर इन 156 दिनों में कई पाबंदी लगाये गये एवं कई रियायत भी दी गई। सरकार एवं जिला प्रशासन के इतनी कोशिशों के बावजूद सड़कों पर कुछ लोग लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिला प्रशासन के द्वारा लगातार लॉकडाउन के नियमों के पालन करने के लिये सख्त निर्देश दिये जा रहे हैं तथा सभी लोगों से जिला प्रशासन का साथ देने के लिये अपील भी की जा रही है। बावजूद इसके कुछ लोग ना तो मास्क का उपयोग करते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हैं। जिला प्रशासन के द्वारा लगातार प्रचार-प्रसार एवं निर्देश जारी करने के बाद भी कुछ लोगों में लापरवाही देखी जा रही है। ऐसे लोग रोजाना सड़कों पर बिना मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुये देखे जाते हैं।

चालान कर्मी बनकर रह गये हैं चौक चौराहों पर तैनात पुलिस अधिकारी : कुछ चौक चौराहों पर तैनात पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस बलों के सुस्त रवैया भी इन लोगों के मनोबल को और बढ़ाता है। जिससे ये लोग लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रखकर बाजारों में घूमते हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में तो पुलिस प्रशासन के द्वारा सड़कों पर एवं गली मोहल्लों में नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा था, लेकिन बीते कुछ दिनों में चौक चौराहों पर तैनात पुलिस अधिकारी एवं पुलिस बल सिथिल है। जिन्हें सड़कों पर ट्रिपल लोडिंग चलने वाले, बिना हेलमेट एवं बिना कागजात के चलने वाले बाइक चालकों से मतलब रह गया है, जिन्हें पकड़ कर उनसे चालान वसूलना है। ये अधिकारी सिर्फ चालान कर्मी बनकर रह गये हैं। जिसके कारण बाजारों में लापरवाही कर रहे लोगों में डर खत्म हो गया है।


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