वरिष्ठ पत्रकार अनस रहमानी के निधन से कोशी और सीमांचल के पत्रकारों में शोक की लहर

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टीआरटी डेस्क :

किशनगंज/बिहार : “चिट्ठी ना कोई  संदेश, जाने कौन सा देश, जहाँ तुम चले गये!”

   उक्त अश्रुपूर्ण उद्गार व्यक्त किया है कोशी और सीमांचल के पत्रकारों ने।  किशनगंज के वरिष्ठ पत्रकार स्व.अनस रहमानी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते “द रिपब्लिकन टाईम्स” टीम के सैकड़ो पत्रकारों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है । इस निमित्त एक वर्चुअल शोकसभा का आयोजन कर शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया ।

      बताते चलें कि स्व.अनस रहमानी ” उर्दू दैनिक इनक्लाब” के किशनगंज व्यूरो प्रमुख थे। भाईजान कहकर सभी को पुकारने वाले स्व.रहमानी मीठी जुबान के मालिक थे। साथ ही वे “द रिपब्लिकन टाइम्स” से भी गहराई से जुड़े थे । वे द रिपब्लिकन टाईम्स से जुड़े दस लाख पाठकों के दिलों की धड़कन थे । अचानक उनके असामयिक निधन से पूरे रिपब्लिकन टाईम्स परिवार में शोक की लहर दौड़ पड़ी। शोकसभा में मौजूद  पोर्टल के प्रधान सम्पादक रजीउर्ररहमान की जुबान नहीं खुल पा रही थी। बड़ी मुश्किल से उन्होंने कहा कि -रहमानी भाई के मौत की खबर से मुझे गहरा धक्का लगा है। रहमानी भाई की खाली जगह को भर पाना भविष्य में मुश्किल हीं नहीं नामुमकिन होग। जबकि टाईम्स के वरिष्ठ उप सम्पादक शशि कान्त झा ने मरहूम रहमानी को अपना छोटा भाई बताते हुए, उनके निधन को अपूरणीय क्षति बतलाया और कहा कि उनके साथ बीते क्षणों का उदाहरण ये तस्वीर बयां कर रही है। इसके साथ हीं रिपब्लिकन टाईम्स परिवार से जुड़े लगभग दर्जन भर पत्रकारों ने अपनी शोक संवेदना जताते हुए, उन्हें जन्नत नसीब हो की दुआऐं मांगी।

अंत में इस शोकसभा के सभापति एवं परिवार के मुख्य संरक्षक मो.यहिया सिद्दीकी ने मरहूम अनस रहमानी को द रिपब्लिकन टाईम्स परिवार के दिलों की धड़कन बतलाया एवं उनकी कमी को ताउम्र यादगार मानकर रिपब्लिकन टाईम्स को आगे बढ़ने में मददगार बतलाया ।

अंत में दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से उनके आत्मा की शांति के लिए दुआऐं मां गकर सभा समाप्त की गई । 


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