अंजुम शहाब ,ब्यूरो मुजफ्फरपुर :
मुजफ्फरपुर/बिहार : बिहार प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हेम नारायण विश्वकर्मा ने जदयू के नेताओं से पूछा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश के शासन काल की उपलब्धियाँ क्या हैं? ज़ब कि केंद्रीय नीति आयोग ने बिहार को विकास के नाम सबसे निचले पायदान पर बताया है। बिहार की जनता आपकी सरकार से हिसाब मांग रही।
यहाँ हॉस्पिटल तो है लेकिन इलाज़ नहीं, यहाँ विद्यालय तो है लेकिन शिक्षा गायब, स्कूल में बेंच कुर्सी, पँखे गायब हैं। इतना ही नही ऐसे अनगिनत विद्यालय इस प्रदेश में हैं जहाँ एक हजार से डेढ़ हजार बच्चे पढ़ते हैं जिसमें एक भी शौचालय नहीं है।
अगर बिहार में विकास है तो बिहारवासी अपने प्रदेश को छोड़कर पलायन क्यों करते हैं ? प्रवक्ता डॉ.विश्वकर्मा ने आगे कहा कि सरकार बिहार के बारह करोड़ जनता को इन पंद्रह सालो में मजदूर और मजबूर बनाया है। बाढ़ जैसी विभीषिका में बिहार की आधी आबादी को मरने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया है। सुविधा के नाम पर शून्य है। इस करोना महामारी में बिहार की जनता बेहाल और असहाय है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जनता जान गवाँ रही है। इसके लिए ज़िम्मेदार कौन है।
नीतीश सरकार को चुनौती देते हुए प्रवक्ता डॉ.विश्वकर्मा ने कहां की इतने साल पुरानी पार्टी एवं पन्द्रह साल सरकार चलाते हुए हो गए जद-यू क्या अकेले चुनाव लड़ेगी, आख़िर अकेले क्यों नहीं। किसी बैसाखी की आवश्कता क्यों पड़ती है। बिहार में पक्ष और विपक्ष सब गठबंधन चाहती है। गठबंधन नहीं, ये सब लुटबंधन बनाती है। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार सचमुच बिहार का विकास किए हैं तो अकेले आगामी चुनाव लड़ कर दिखाए।