मधेपुरा : कम चावल मिलने पर अभिभावकों ने किया हंगामा

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मिथिलेश कुमार
संवाददाता
मुरलीगंज, मधेपुरा

मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : कोरोना संकट में आमलोगो की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने स्कूल में नामांकित छात्रों को एमडीएम का चावल देने का निर्णय लिया है, जो काफी हद तक सफल भी हो रहा है। लेकिन प्रखंड क्षेत्र के कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां चावल वितरण कटौती करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिस कारण अभिभावकों में आक्रोश पनपने लगा है।

मालूम हो कि प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय उपनिवेश में शनिवार को कार्यरत शिक्षकों के गैर हाजिरी में एक व्यक्ति के द्वारा मनमानी तरीके से चावल वितरण किया जा रहा था। जिसमें एक बच्चे के नाम पर 8 किलो चावल देने के बजाय पांच किलो दिया गया। बताया गया कि ब्लाॅक स्थित पानी प्लांट के अपरेटर नकेश पासवान के द्वारा कागजी प्रक्रिया कर चावल वितरण किया जा रहा था। चावल लेने पहुंचे अभिभावकों ने कम चावल मिलने पर आक्रोशित होकर हंगामा किया और कम चावल लेने से इंकार कर दिया। वहीं नकेश पासवान का कहना था कि हैडमास्टर के दिशा निर्देश अनुसार वितरण कर रहे हैं। चावल कम आया है इसलिए अभी छः किलो दिया जा रहा है।

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जानकारी अनुसार स्कूल में कक्षा 1 से पांच तक के नामांकित छात्रों में से 142 को आठ किलो के दर से चावल देना है। लगभग दर्जनों छात्र छात्राओं के अभिभावकों को पांच किलो के दर से चावल दिया भी गया है। लोगों का कहना था कि शिक्षक और उनके चमचो के द्वारा चावल गबन किया गया है। मजे की बात यह है कि स्कूल कार्यरत चार शिक्षकों में एक भी मौजूद नहीं थे। जबकि शिक्षकों के नेतृत्व में रसौइया द्वारा चावल वितरण करना है। साथ हीं प्रत्येक छात्र को 8 किलो के दर से चावल देना है। वहीं कोरोना संकट को देखते हुए भीड़ लगाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। फिर भी शनिवार को लगभग दर्जनों महिला और बच्चों की भीड़ लगाकर चावल वितरण किया जा रहा था। अभिभावकों ने कम चावल देने का आरोप लगाया है। इस दौरान फोन से संपर्क करने पर एचएम मजरूल हक ने बताया कि वे अस्वस्थ हैं। चावल वितरण के समय शिक्षकों का रहना है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुरूप चावल आवंटन हुआ है। आठ किलो के दर से चावल देने के लिए बोला गया था।

एमडीएम प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि जितनी आवश्यकता थी उतना चावल आवंटन किया गया है।वितरण के समय शिक्षकों को रहना अनिवार्य है। कक्षा 1 से पांच तक के नामांकित छात्रों को आठ किलो के दर से चावल देना है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो वस्तु स्थिति पता कर उचित कार्रवाई की जाएगी।


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