बेटे के पहले जन्मदिन पर राठौर दंपति ने एक अनाथ बच्ची को लिया गोद

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मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : शिक्षा समाज को आगे ले जाने का सर्वोच्च हथियार है। हर सक्षम आदमी को यथा सम्भव समाज को शिक्षित करने में सहयोग देना चाहिए। “जब समाज पढ़ेगा तभी तो बढ़ेगा” को मिशन का रूप देना चाहिए।

उक्त बातें शिव राजेश्वरी युवा सृजन क्लब के महासचिव हर्ष वर्धन सिंह राठौर और उनकी पत्नी प्रसन्ना सिंह राठौर ने अपने बेटे हर्ष प्रताप सिंह (युवराज) के पहले जन्मदिन पर एक अनाथ बच्ची को गोद लेते हुए उसके पढ़ाई की सारी खर्च वहन करने की घोषणा करते हुए कही।

इसके पहले भी राठौर दंपति अपने शादी के सालगिरह पर अनाथ बच्चो को गोद ले लगातार उसकी शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। श्री राठौर हमेशा से समाज सेवा को प्राथमिकता देते रहे हैं।खास कर लोगों को शिक्षित करना और जरूरतमंदों की मदद करना उनका मुख्य ध्येय है। उन्होने बताया कि अपने बेटे युवराज के प्रथम जन्मदिन उनके जीवन का स्वर्णिम क्षण जैसा है, जिसको हर स्तर पर यादगार बनाने की कोशिश है।इसके अन्तर्गत लगातार बारह दिन तक समाज सेवा के रूप में विधवा औरतों सहित चयनित जरूरतमंदों की मदद करते हुए वृक्षारोपण की योजना है। इसकी शुरुआत लक्ष्मी नाम कि एक अनाथ बच्ची को पढ़ाने के लिए गोद लेने के साथ की गई है।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले लक्ष्मी पर उनकी नजर परी तो पता चला कि इसकी मां का देहांत हो गया है और पिता ने दूसरी शादी कर ली है, उसके बाद से वो नानी के पास रहती है। फिर उन्होने बेटे युवराज के जन्मदिन पर उसे गोद लेकर शिक्षित करने का निर्णय लिया।

इस अवसर पर अपने वेशम में उसे पठन पाठन की सामग्री देते हुए उन्होंने कहा कि उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उनकी होगी उसमे किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। प्रसन्ना सिंह राठौर ने बताया कि अब तक विभिन्न अवसरों पर गोद लिए बच्चों में अधिकांश वैसे बच्चे हैं जिनके माता या पिता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने अन्य लोगों से भी अपील किया कि शादी ,जन्मदिन या सालगिरह के अवसरों पर सक्षम लोग अनावश्यक खर्च की जगह ऐसे कार्यों में योगदान दे जरूरतमंदों की मदद करें।


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