मधेपुरा/बिहार : परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर अपना मूल्यांकन नहीं करें। आप स्वयं अपना आत्म मूल्यांकन करें, आप दुनिया में अद्वितीय हैं। उसी काम में लगें जो आप अच्छे तरीके से कर सकते हैं। दूसरों से अपनी तुलना नहीं करें एवं दूसरों की नकल से दूर रहें।
यह बात दर्शनशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डा सुधांशु शेखर ने कही। वे गुरूवार को सफलता से इतरायें नहीं एवं असफलता से घबड़ायें नहीं विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यान का आयोजन यू-ट्यूब चैनल बीएनएमयू संवाद पर किया गया। उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के दसवीं एवं बारहवीं का परिणाम घोषित कर दिया गया है। जिन विद्यार्थियों ने अत्यधिक अंक लाये हैं, वे और उनके परिजन जश्न मना रहे हैं। जिन्हें कम अंक आया है, वे और उनके परिजन निराश हैं। लेकिन दोनों को विवेक से काम लेना चाहिये।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे सीबीएसई के परिणाम जारी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों को याद रखें, एक परीक्षा यह परिभाषित नहीं करती है कि आप कौन हैं। उन्होंने कहा कि सफलता कोई वैल्यू नहीं है, सफलता कोई मूल्य नहीं है। सफल नहीं सुफल होना चाहिये। एक आदमी बुरे काम में सफल हो जाये, इससे बेहतर है कि एक आदमी भले काम में असफल हो जाये। सम्मान काम से होना चाहिये, सफलता से नहीं। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी बिल्कुल साधारण विद्यार्थी थे। एक बार उन्होंने आत्महत्या करने की भी सोची थी, लेकिन उन्होंने वैसा नहीं किया और आज वे करोड़ों लोगों के प्रेरणास्त्रोत बने हैं। एक वैज्ञानिक एडिशन ने 999 बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी, आज उसका आविष्कार हमें रौशनी दे रहा है।