मधेपुरा : पूछता है बिहार-हमारे छात्र, युवा क्यों हैं बेरोजगार?

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इकाई के द्वारा मंगलवार को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर शैक्षणिक एवं सामाजिक समस्याओं पर ढोल बजाकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।

 प्रदेश महामंत्री अभिषेक यादव ने कहा कि बजेगा ढोल- खुलेगा पोल।  उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित कर बिहार सरकार के दूषित मानसिकता को विफल कर, छात्रों की समस्यायों को समाधान की ओर ले जाने के लिये, रोजगार के मुद्दे पर विफल हो रही सरकार को घेरने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके तहत मंगलवार को पूरे बिहार में योजनाओं के अनुसार राज्यव्यापी प्रदर्शन किया गया।  जिला संयोजक शशि यादव ने कहा कि हमारा प्रयास रहा है कि सरकार के बंद पड़े कानों में निष्पक्षता की आवाज पहुंचे, ताकि वह छात्र व युवाओं के हित में निर्णय ले सके।  एक बार फिर पूरे बिहार के छात्र एवं युवा एक साथ बिहार सरकार से यह सवाल पूछ रहा है कि “पूछता है बिहार, हमारे छात्र युवा क्यों हैं बेरोजगार”

 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य समीक्षा यदुवंशी, राजू सनातन एवं आमोद आनंद ने कहा कि अब यह आंदोलन ना सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि समाज में सिसक-सिसक कर बेरोजगारी की मार झेल रहे समस्त युवा वर्ग के लिए है। यह आंदोलन उन छोटे-छोटे नौनिहालों के लिये भी है, जो कल स्लेट की जगह प्लेट पर ध्यान दे रहे, बिहार सरकार के विद्यालय से नाम कटवाकर अपने उज्जवल भविष्य की कामना लिये प्राईवेट स्कूलों में नामांकन करवाकर पढ़ाई कर रहे थे, जो आज कोविड-19 जैसे महामारी की मार के पश्चात प्राईवेट स्कूल संचालकों के शोषण नीति के सामने नतमस्तक होकर, अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ने पर विवश हैं।

पल्लवी कुमारी राय ने कहा कि यह आंदोलन बिहार के उन किसानों, मज़दूरों व उनके बच्चों के भविष्य के लिए है, जिन्होंने अपने अरमानों का गला घोंटकर बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिये बड़े शहरों में रूम किराये पर दिलाकर पढ़ाई करने भेजा था। आज वही बच्चे कमरे का किराया एवंं अन्य शैक्षणिक स्कूल न दे पाने के कारण, अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पुनः मजदूरी करने के लिये मजबूर हो गये हैं। जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत ने कहा कि बिहार में बेरोजगारी की भयावह स्थिति से शायद ही कोई अपरिचित हो, जिस सुशासन की कल्पना कर हमारे युवा वर्ग ने रोजगार का सुनहरा सपना देखा था, युवाओं को वह सपना आज चूर-चूर होता नज़र आ रहा है। एक बार पुणः सरकारी तंत्र के संरक्षण में बिहार में शिक्षा माफियाओं का बोलबाला चल रहा है।

मौके पर नगर मंत्री सौरभ कुमार यादव, नगर सह मंत्री विश्वजीत पियूष, विकास कुमार, आकाश यदुवंशी, राहुल कुमार मौजूद थे।


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