मधेपुरा/बिहार : कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट में समाधान करने में केंद्र एवं राज्य सरकार की संवेदनहीनता, प्रवासी मजदूरों, गरीबों एवं किसानों की दुर्दशा, राहत पैकेज के नाम पर किसानों एवं मजदूरों के साथ छलावा, क्वॉरेंटाइन सेंटर में यातना तथा राशन एवं राशि के वितरण के नाम पर अराजकता के खिलाफ भाकपा के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर जिला मुख्यालय स्थित कला भवन के समक्ष लॉक डाउन का पालन करते हुए भाकपा कार्यकर्ताओं ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि इस संकट के समय केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उपेक्षा के कारण लगातार प्रवासी मजदूरों की मौत हो रही है। राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाले कीड़े मकोड़ों की जिंदगी जीने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न संकट से निपटने के बदले सरकार राहत पैकेज के नाम पर देसी-विदेशी उद्योगपतियों के साथ दरियादिली एवं आम जनता के साथ छलावा कर रही है।
श्रम कानून में संशोधन मजदूरों के मूल अधिकारों पर हमला :
भाकपा नेता ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किसानों के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपए राहत की घोषणा की गई है, जो राहत नहीं है बल्कि कर्ज है, लंबे लॉक डाउन के कारण अपना सब कुछ गंवा चुके किसानों को कर्ज नहीं बल्कि पुराने कर्ज की माफी चाहिए, फसल का लाभकारी एवं फसल क्षति का मुआवजा चाहिए एवं प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर वापसी चाहिए। भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि श्रम कानून में संशोधन मजदूरों के मूल अधिकारों पर हमला है। सरकार इसे शीघ्र वापस लें. उन्होंने राशन कार्ड की अनिवार्यता को तत्काल खत्म करने, कोरोना वायरस के कारण पॉश मशीन पर अंगूठा लगवाना बंद करने तथा सभी परिवारों को 50-50 किलो राशन एवं 10-10 हजार रुपया सहयोग राशि देने की मांग सरकार से की है। उन्होंने कहा कि अगर आम जनों की अनदेखी की गई तो संघर्ष तेज एवं उग्र होंगे। भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि जिले भर में प्रवासी मजदूरों के लिए निर्मित क्वॉरेंटाइन सेंटर यातना गृह के समान है। उन्होंने सभी कोक्वॉरेंटाइन सेंटर में शुद्ध पेयजल, आवश्यकता अनुसार शौचालय, पर्याप्त भोजन, साफ सफाई एवं सुरक्षा आदि का समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने घर आ रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार के लिए मनरेगा को बढ़ावा देने एवं पांच सौ रुपये मजदूरी देने की मांग की है।
कोरोना वारियर्स के रूप में केरल की वामपंथी सरकार ने बनाई विश्व रिकॉर्ड :
किसान सभा के राज्य सचिव सह भाकपा के वरीय नेता रमन कुमार ने पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर क्रय केंद्र खोलकर मक्का खरीद करना सुनिश्चित करने तथा किसानों को फसल क्षति एवं गृह क्षति मुआवजा का भुगतान शीघ्र करने की मांग जिला प्रशासन से की है। एटक के जिला संयोजक वीरेंद्र नारायण सिंह, दिलीप पटेल, वीरेंद्र मेहता, सिराज एवं चांद ने प्रवासी मजदूरों के लिए खाना पानी की सुविधा सहित अधिक से अधिक ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था करने तथा घर पहुंचते ही रोजगार या 10 हजार रुपया महीना गुजारा भत्ता देने की मांग सरकार से की है।
मौके पर भाकपा के युवा नेता संभू क्रांति, सौरव कुमार, एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, रफी उर्फ मुन्ना, प्रीति प्रिया, मन्नू यादव, एआईवायएफ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार मुन्ना, सोनू कुमार, वीरेंद्र कुमार मेहता, तारिक अनवर, सौरभ, मजदूर नेता माधो राम, सनाउल्लाह, बूटीश स्वर्णकार, मनोज राम, रामवृक्ष ऋषिदेव, प्रदीप दास समेत अन्य नेताओं ने कहा कि कोरोना वारियर्स के रूप में केरल की वामपंथी सरकार ने विश्व रिकॉर्ड बनाई है। जबकि गुजरात की भाजपा सरकार ने छी-छी कराई है। अंध भक्तों को समझने की जरूरत है कि मजदूरों की मजदूरी के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है।