नालंदा/बिहार: जिले में सरकारी डॉक्टर में करोना पॉजिटिव पाए जाने पर अस्पताल में हड़कंप मच गया और सभी स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जांच के लिए तत्पर करवाई शुरू कर दी गई है।
रविवार के दिन डॉक्टर समेत चार पॉजिटिव मरीज मिलने से जिले में करोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 11 हो गई है, जिसमें 2 स्वास्थ्य लाभ पाकर अपने घर लौट चुके हैं। सरकारी डॉक्टर बिहार शरीफ प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हैं और दैनिक कर्मियों की जांच करने और टीम को सर्वे के लिए रवाना कर रहे थे। यह चिकित्सक अधिकांश कर्मियों के संपर्क में थे, इनकी आयु 55 साल बताई जा रही है। दूसरी तरफ दिल्ली से 5 सदस्य रैबिट रिस्पांस टीम बिहार शरीफ सदर अस्पताल पहुंच गई है और आगे की कारवाई व रूपरेखा तैयार करने में लगी हुई है।
बताया जाता है कि दुबई से बिहार शरीफ के खासगंज मोहल्ले के व्यक्ति के संपर्क में आने से उनके परिवार के 5 सदस्य पॉजिटिव पाए गए थे, जबकि उनके भांजे शेखाना मोहल्ला में रहते थे और वह भी संपर्क में आने से पॉजिटिव हो गए थे, 17 वर्षीय उनके भांजा क्रिकेट खेलने के दौरान और लड़कों से संपर्क में आए, जिससे 12 , 18 और 22 उम्र के लड़कों में पॉजिटिव पाया गया। इस घटना के बाद फ़ौरन सिविल सर्जन के द्वारा अपने कार्यालय और पूरे सदर अस्पताल को सैनिटाइज का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया। सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सैंपलिंग की जांच की जाएगी और करोना के दौरान की गई ट्रेवलिंग हिस्ट्री को भी खंगाला जाएगा, इसके कारण बिहार शरीफ सदर पीएचसी स्वास्थ्य कर्मियों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है।
वहीं दूसरी तरफ इस डॉक्टर की सहायता में पावापुरी विम्स मेडिकल कॉलेज के 3 छात्र भी मौजूद थे इनके अलावे तीन और मेडिकल छात्रों को पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में क्वॉरेंटाइन किया गया है। साथ ही साथ नेपाल में मजदूरी करने वाले एक व्यक्ति भी पावापुरी मेडिकल कॉलेज में पहुंचे जिसे भी क्वॉरेंटाइन किया गया है। कुल सात व्यक्तियों को कवांरंटाईन किया गया है।
इस घटना से पूरे नालंदा जिला के लोगों के बीच दहशत व्याप्त हो गया है और नालंदा में करोना वायरस तेजी के साथ अपना पैर फैलाना शुरू कर दिया है। जिला अधिकारी योगेंद्र सिंह ने जिले के जनता से अनुरोध किया है कि वह लॉक डाउन की पूरी तरह पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग यानी समाजी दूरी को बनाए रखें, इसलिए कि कोरोना वायरस जैसे खतरनाक बीमारी का बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है।