बिहार : लॉकडाउन में तरावीह की नमाज़ और इबादतों के संबंध में इमारत-ए-शरिया का दिशा-निर्देश

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प्रेस विज्ञप्ति : फुलवारीशरीफ़/पटना/बिहार : कोरोना वायरस के कारण इस समय देश भर में लॉकडाउन चल रहा है, जिसे पूरे देश में प्रतिबंधित किया जा रहा है, 14 अप्रैल से सख्ती बढ़ गई है, क्योंकि सामाजिक दूरी बनाये रखना इस बीमारी से बचने का सबसे सफल तरीका है। अब लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक कर दी गई है, इस प्रकार रमज़ान मुबारक का पहला दशक लॉकडाउन की चपेट में आ रहा है।

उक्त बातें इमारत शरिया के कार्यवाहक सचिव मौलाना मोहम्मद शिबली क़ासमी ने आज एक प्रेसरिलीज जारी कही ।  उन्होंने कहा कि रमज़ान मुबारक का पवित्र महीना मुसलमानों के लिए अल्लाह तआला के विशेष अनुग्रह आशीर्वाद और इबादात का महीना है, ईमान वाले इस महीने में रोज़ा, तरावीह, क़ूरआन की तिलावत, सदकात व दान, ज़िक्र व अज़्कार के इहतिमाम करने से अपनी आखिरत सुधारते हैं । इस महीने की विशेष इबादतों में से एक तरावीह की नमाज़ है, जो सुन्नत मुआक्क्दह है । लॉकडाउन में सरकार की तरफ़ से किसी भी प्रकार की सभा से रोक लगाई गई है । हम सब लोगों को लॉकडाउन कि प्रतिबंधित करना अनिवार्य है । इसलिए मस्जिद के इमाम और मस्जिद के कर्मचारियों के साथ जो मस्जिद में रहते हैं, केवल वही लोग मस्जिद में फर्ज़ नमाज़ अदा कर रहे हैं और बाक़ी सब लोग अपने घरों में नजाज और अन्य इबादत करेंगे, जब तक लॉकडाउन है । रमज़ान मुबारक में तरावीह की नमाज़ भी इस प्रकार अदा करें कि इमाम और मस्जिद से संबद्धित कर्मचारी जो मस्जिद में स्थित हैं, मस्जिद में तरावीह की नमाज़ अदा कर लें । बाहर से लोग बिल्कुल मस्जिद में तरावीह के लिए न आएं, लोग अपने अपने घरों में तरावीह की नमाज़ अदा कर लें । यदि घर में क़ुरआन के हाफ़िज़ नहीं है, तो सूरह तारावीह की पढ़ें, लेकिन रोज़ा, तरावीह एवं रमज़ान मुबारक कि दूसरी इबादत का ज़रूर इहतिमाम करें यह महिना दुआओं की स्वीकृति का है । इस महीने में ज़्यादा से ज़्यादा दुआ करें । अल्लाह तआला से सभी मानवता के लिए हर भलाई की दुआ करें और हर बुराई से पनाह चाहें और इस महामारी के अंत के लिए दुआ करें।


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