नालंदा : दवा दुकानदार पर मुनाफाखोरी का आरोप, मूल्य से अधिक पैसे लेने पर जमकर हुआ हंगामा

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मुर्शीद आलम
नालंदा ब्यूरो
बिहार

नालंदा/बिहार : एक तरफ नोबेल करोना वायरस को लेकर जनता काफी भयभीत है और अपने घरों में खुद को कैद लिया हैं और गरीबों की सहायता के लिए लोग दूसरों की मदद कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित अस्पताल चौराहा समीप प्रभाकर फर्मेसी दवा दुकान में कलाबाजारी चरम सीमा पर पहुंच चुका है।

इस संकट की स्थिति में लोग एक दूसरे को सहायता प्रदान कर रहे हैं लेकिन यह दवा दुकान के मालिक द्वारा दवा के नाम पर लोगों के साथ कालाबाजारी की जा रही है। इस रहस्य का पर्दाफाश उस समय हुआ जब मोनू कुमार पिता नागेश्वर रविदास, सलेमपुर, थाना सोह सराय ने दुकान पर ही हंगामा शुरू कर दिया। मनोज कुमार ने बताया कि जब पुर्जा देकर हमने दवा खरीदी तो 1032 की दवा हुई जिसमें हमने ₹1000 दिए, दवा दुकानदार ने रख लिए और हम वापस घर चले गए। लेकिन घर पर दवा की मूल्य को देखा तो सभी दवा को मिलाकर मात्र ₹506 की ही उस पर मूल्य अंकित थी। जब हम दवा दुकान पर वापस करने के लिए आए तो पहले दुकानदार के द्वारा यह कहा गया कि यह दवा हमारे दुकान की नहीं है, जब बताया कि आपके ही दुकान से एक घंटा पहले हम ले गए हैं, तो दुकानदार दवा लेने के लिए तैयार हो गए और उस दवा पर अंकित मूल्य कुल ₹506 उसे वापस किया। ₹506 वापस देखते ही मनोज कुमार का आग बबूला हो गया और हंगामा करने लगा कि ₹1000 की दवाएं वापस करने पर ₹506 ही वापस क्यों किया जा रहा है, जिसके लेकर काफी शोर मचाने लगा और लोग भी जमा हो गए । हंगामा के कारण पास में ही खड़ी पुलिस भी वहां पर पहुंच गई, और स्थिति को संभाला तब दवा दुकानदार ने ₹1000 वापस की।

दुकानदार से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह दवा हमारे दुकान की नहीं है, जब यह पूछा गया कि फिर आपने पैसा क्यों वापस किया तो वह हिचकिचाने लगे और जब पूछा गया कि ग्राहकों को बिल क्यों नहीं दी जा रही है, इस पर भी इसकी हिचकीचाते हुए कहा कि अगर कोई मांगता है तो बिल दे देते हैं, जब पूछा गया क्या ऐसा प्रावधान है, इस पर चुप्पी साध ली, इससे यह साफ जाहिर होता है आम जनता के साथ-साथ सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं। इस तरह प्रभाकर फार्मेसी दवा दुकान के द्वारा बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की जा रही है, ऐसे दवा दुकानदारों के खिलाफ जिला प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि जनता के साथ हो रही धोखाधड़ी और कालाबाजारी से बचाया जा सके।

यातायात थाना प्रभारी जय गोविंद सिंह यादव के द्वारा जब मोनू कुमार से दुकानदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बात की गई तो मोनू कुमार ने बताया मैं बहुत ही गरीब व्यक्ति हूं मुकदमा दर्ज करके झंझट में नहीं पड़ना चाहता हूं।


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