छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर मूख्यालय बाजार सहित प्रखंड क्षेत्र में जनता कर्फ़्यू के दिन रविवार को पुरे दिन सभी सङकें व चौक चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा । सरकार के द्वारा घोषित जनता कर्फ़्यू को आमलोगों का भारी समर्थन मिला और पुरे दिन लोग अपने-अपने घरों में रहे, मुख्य बाजार सहित महद्दीपुर, जीवछपुर, मोहननपुर, गिरिधरपट्टी बाजर के दुकानें पूरी तरह बंद रहे। सिर्फ दवा दुकानें ही खुली हुई नजर आ रही थी। एस एच 91 सहित सभी सङकों पर लोगों का आवागमन पूर्णरूप से बंद रहा और छोटी बङी सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन पुरी तरह बाधित रहे।
आमतौर पर बस पङाव पर सैकङो यात्रियों की जमघट बनी रहती है और बाजारों में रोजमर्रा की खरीदारी के लिए भीड़ जमा होते है। लेकिन जनता कर्फ़्यू के दिन इन जगहों और सार्वजनिक स्थलों पर छाई वीरानगी कोरोना के प्रति जन जागरूकता की गवाही दे रहा था। आमलोगों ने जरूरी सामग्रियों एवं रोजमर्रा उपयोग वाले चीजों की खरीदारी व तैयारी एक दिन पूर्व ही कर ली थी। प्रशासनिक स्तर से जनता कर्फ़्यू की निगरानी और सतर्कता अनुपालन कराने की जिम्मेवारी तय की गई, लेकिन पुलिस की आंशिक गतिविधि को छोङकर प्रशासनिक व्यवस्था पुरी तरह से फेल रहे। स्थानीय प्रशासन के एक भी पदाधिकारियों का वाहन सङकों पर नहीं दिख रहा था, लोगों को हैरानी तब हुई जब जनता कर्फ़्यू के दौरान अपराह्न एक बजकर 45 मिनट से लेकर दो बजे के बीच दिल्ली जाने वाली तीन डबल डेकर बसें सन्नाटा को चिरती हुई एस एच 91 पर मुख्यालय से गुजरी, जबकि खासकर लंबे रूट के लिए चलने वाले बसों के परिचालन पर सरकार के द्वारा शख्त पाबंदी लगाई गई थी।
हालांकि इस संदर्भ में पूछने पर थानाध्यक्ष अनमोल कुमार ने बताया कि थाना के समीप बैरियर लगाया गया है, जहां इन बसों को रोक लिया जाएगा, इधर स्थानीय बुद्धिजीवियों की मानें तो प्रखंड क्षेत्र के सभी वर्ग के लोगों ने जनता कर्फ़्यू का पूर्ण रूप से सफल बनाया, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण कुछ लफंगे एक बाईक पर चार से पांच की संख्या में सवार होकर सङक पर फर्राटा भरते नजर आ रहा था, वहीं बाहर से चलकर आने वाले कई छोटे बङे वाहनों की आवाजाही ने भी जनता कर्फ़्यू की यैतिहासिक सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया।