नालंदा/बिहार : जिला मुख्यालय बिहार शरीफ शहर स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक रामचंद्रपुर शाखा में पोषाहार की राशि निकालने के लिए सैकड़ों आंगनबाड़ी सेविकाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जबकि जिला प्रशासन मॉल, बड़े-बड़े दुकान, बस, ट्रेन, नालंदा खंडहर, राजगीर ब्राह्मण कोड इत्यादि भीड़भाड़ वाले जगहों को बंद करा दिया गया है ।
वहीं नालंदा जिला मुख्यालय के रामचंद्रपुर स्थित मछली मार्केट के पास दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में 500 आंगनबाड़ी सेविकाओं व अध्यक्ष पोषाहार की राशि निकालने के लिए भीड़ जमा हो गई जो कहीं से भी कोरोना वायरस से सतर्कता नहीं रही है। सवाल यह उठता है कि एक तरफ सरकार सेविकाओं को प्रचार प्रसार के लिए तैनात किए हैं तो दूसरी तरफ वही सेविका खुद भीड़ का हिस्सा बनकर जनता के बीच क्या संदेश देना चाहती है? जबकि कुछ सेविकाएं इस भीड़ का पूरी तरह विरोध करते भी नजर आई और कहां कि यह भीड़ करुणा वायरस जैसे बीमारी से बचाव नहीं बल्कि नुकसान पहुंचा सकता है इस भीड़ से बचना चाहिए और कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखने, मास्क लगाकर काम करने और हर घंटे हाथ की धुलाई करने जैसे सावधानी बरतनी चाहिए।
ज्ञात हो कि पोषाहार की राशि निकालने के लिए 2 लोगों को बैंक आना जरूरी होता है और बिहार शरीफ प्रखंड में 225 आगनबाडी केंद्र है, इस तरह 450 लोग तो ऐसी जमा हो जाते हैं, फिर नागरिकों की भीड़ अलग होती है जिससे कुल मिलाकर 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ देखी गई। भीड़ के कारण कोई खास रही थी तो कोई करोना वायरल के बचाव के लिए अपने मुंह को पर कपड़ा ढकने की उपाय करते भी देखा गया।
इस तरह जिला प्रशासन के द्वारा सावधानी और सतर्कता का बैंक मैनेजर पर कोई असर नहीं पड़ा, जबकि कोरोना वायरस में सबसे ज्यादा सावधानी और सतर्कता ही इसकी बचाव है।