शाहीन बाग मधेपुरा  : जाति – धर्म में देश को बांटने की साजिश न रचे मोदी और शाह-नदवी

Sark International School
Spread the news

विज्ञापन
अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : एनआरसी, सीएए, एनपीआर के खिलाफ जिला मुख्यालय के मस्जिद चौक पर आम नागरिक मंच के बैनर तले विगत 28 दिनों से जारी महिलाओं का अनिश्चितकालीन धरना लगातार नया अध्याय लिखता जा रहा है तो वहीं आम आवाम का सरकार के खिलाफ गम और गुस्सा भी लगातार बढ़ रहा है।

देखें वीडियो :

रविवार को धरना को समर्थन देने आए इमारत-ए-शरिया बिहार, उड़ीसा, झारखंड के नायब नाजिम मुफ्ती सोहराब नदवी ने कहा केंद्र सरकार देश को जाति धर्म में बांटने की कोशिश न करें वरना भारत की कौमी एकता तबाह सी हो जाएगी। उन्होंने कहा सरकार की यह नीति किसी भी स्तर पर राष्ट्र हित में नहीं है। आज लोग सकारात्मक काम व रोजी रोटी की बात करने के बजाय देश व संविधान बचाने के लिए सड़क पर उतर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। केंद्र सरकार की वर्तमान नीति के कारण भारत की छवि विश्व पटल पर धूमिल हो रही है जिसे रोकने की जवाबदेही हम सब की है। मुफ्ती श्री नदवी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि हिंदुस्तान में रहकर हिन्दुस्तान की  नागरिकता का प्रमाण मांगना किसी अन्याय से कम नहीं।

विज्ञापन

वहीं लगातार धरना को समर्थन दे रहे ए आई एस एफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह राज्य उपाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह आंदोलन अब देश बचाने की हो गई है, कुछ लोग इस भ्रम में जी रहे हैं कि नागरिकता से जुड़ी यह तलवार सिर्फ मुस्लिमों पर ही लटकी है, तो मेरी नजर में वैसे लोग बहुत गफलत में हैं, नागरिकता प्रमाण की तलवार सिर्फ मुस्लिम पर ही नहीं बल्कि  इसकी जद में हिन्दू भी आएंगे। इसलिए वक़्त की पुकार है कि लोग घर से बाहर निकल कर सरकार की इस तानाशाही रवैया को मुंहतोड़ जवाब दे।

विज्ञापन

धरना को संबोधित करते हुए  मो सरवर, मेहर प्रवीण, रहनुमा प्रवीण, मुस्कान ने कहा केंद्र सरकार की नीति दोयम दर्जे की है। जिस वादे के साथ सरकार में आई उस पर चर्चा भी नहीं हो रहा और लगातार देश को बांटने व गुमराह करने की साज़िश  चल रही है, जिसे किसी भी कीमत पर सफल होने नहीं दिया जा सकता।

धरना को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद भीड़ बीच-बीच में “हम मिट जाएंगे पर कागज नहीं दिखाएंगे” के नारे का शंखनाद भी करते रहे।


Spread the news
Sark International School
Sark International School