किशनगंज/बिहार : जिले में चूल्लू शराब बनाकर बेचने वाले कारोबारियों पर बहादुरगंंज थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह का करारा हमला करते हुए दो दिनों की छापेमारियों में लगभग एक हजार लीटर शराब बनाने के जावा और शराब बनाने वाले सामानों के साथ हंडी, बर्तन एवं इसके देशी उपकरणों को पुलिसदल के साथ नेस्तनाबूद कर दिया। एक साथ कई आदिवासी टोलों में पुलिस की इस कार्यवाही से तहलका मच गया है ।
उक्त कार्यवाही बहादुरगंंज पुलिस के द्वारा लगातार जारी है। थानान्तर्गत ढोलमनी भोरादह में किये गये उक्त छापेमारी में 400 लीटर शराब निर्माण के लिए रखे गये जावा के साथ दस लीटर शराब की भी जप्ती की गई । जबकि दो लोग उत्तराई मूर्मू एवं बबलू मूर्मू दोनो पिता सुपोल मुर्मू पर कार्यवाही भी की गई है । वहीं इस छापेमारी को लगातार जारी रखते हुए थानाध्यक्ष सुमन कुमार के नेतृत्व में कई गठित पुलिस टीमों ने एक साथ बिरनियां, समेसर, जनता तकिया के आदिवासी टोलों में छापेमारियां की जहाँ शराब बनाने के लिए रखे गये सड़े भात, शराब बनाने में उपयोगी हंडियां, देशी उपकरणों को समूल नष्ट कर दिया गया । खासकर जंगल झाड़ियों में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय के कथित कुछ कारोबारी लोग इस धंधे को अपना पुस्तैनी धंधा कहते हैं ।
जगजाहिर है कि इस समुदाय के लोग घर में शराब बनाकर केवल अपने व्यवहार में लाते हैं पर शराबवंदी के बाद कथित कुछ लोगों के द्वारा इसे कारोबार का जरिया बना लिया है। जहाँ शराबवंदी से प्रभावितों की भीड़ इन टोलों में लगती रहती है पर थानाध्यक्ष बहादुरगंंज के मुखवीरों एवं पैनी नजरों से इनका बच पाना मुश्किल हो जाता है तथा चिन्हित इलाकों में पुलिस की छापेमारी लगातार चलती रहती है । थानाध्यक्ष द्वारा इन टोलों में कई बार बैठकों के माध्यम से शराब की हानिकारक पहलुओं को इन्हेँ समझाकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी किया जाता रहा है पर इन्हीं में से कुछ लोग अपनी जीविका समझकर अपने हजारों का नुकसान पुलिसदल से करवा लेते हैं ।
थानाध्यक्ष ने ऐसे लोगों को पूर्व से हीं साफ संदेश दे रखा है कि -शराब और शराबी इस थानाक्षेत्र से दूर हीं रहें तो अच्छा है। अब ऐसे कारोबारी सोचने को विवश हैं कि पता नहीं कल किस टोले की बारी है ।