चौसा/मधेपुरा/बिहार : लाल बहादुर शास्त्री भारत के सच्चे सपूत थे। उनकी सादगी व ईमानदारी अद्वितीय थी। भारतीय राजनीति में उनका व्यक्तित्व कालजयी है। लिहाजा आज के दौर में उनके आदर्शों का अनुकरण करना जरूरी है ।
उक्त बातें सत्यप्रकाश भारती ने कही। वे आज शनिवार को स्वतंत्र भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 54 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी राष्ट्र के सच्चे सेवक थे। वरीय शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने शास्त्री जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे ईमानदारी के बेमिसाल प्रतीक थे। शिक्षिका श्वेता कुमारी ने कहा कि हम शास्त्री जी का अनुकरण कर गलत काम से दूर रह सकते हैं।
सनद रहे कि शास्त्री जी का रहस्यमय निधन 11 जनवरी 1966 को ताशकन्द (सोवियत संघ रूस) में हुआ था। उनके देहावसान वाले दिन 11 जनवरी को प्रत्येक वर्ष लालबहादुर शास्त्री स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस निमित्त आज शनिवार को महादेव लाल मध्य विद्यालय, चौसा में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित तथा दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।
मौके पर शिक्षक सत्यप्रकाश भारती, यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार, मंजर इमाम, भालचंद्र मंडल, शमशाद नदाफ, लात बहादुर यादव, शिक्षिका नुजहत परवीन, रीणा कुमारी, श्वेता कुमारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।