पटना/बिहार : राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड छपरा शाखा से एक करोड़ 32 लाख रुपए की फर्जी निकासी करने वालों की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। बैंक खाते से निकासी का डिटेल्स लेकर पुलिस उसकी छानबीन कर रही है। छह खातों से करीब 50 बार निकासी किए जाने का विवरण अब तक प्राप्त हुआ है और निकासी करने वालों के नाम के आधार पर उनकी तलाशी की जा रही है।
इस बैंक से धान अधिप्राप्ति की राशि का भुगतान प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति को की जाती है, जिससे संबंधित ब्रोविंग खाता इस बैंक में है। उसी खाते की राशि की फर्जी तरीके से निकासी की गई है। प्रबंध निदेशक के आदेश के आलोक में उप महाप्रबंधक मनोज कुमार सिंह, सहायक प्रबंधक सत्य प्रकाश तथा सहायक श्याम सुंदर कुमार के द्वारा की गई संयुक्त जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ब्रोविंग खाते से राशि का हस्तांतरण छह फर्जी खातों में किया गया और चेक के माध्यम से राशि की निकासी उन छह खातों से की गई है और इसमें तत्कालीन शाखा प्रबंधक समेत तीन सहायकों की भूमिका रही है, जिनके द्वारा रांची का हस्तांतरण एवं भुगतान किया गया है। इन 6 खातों को खोले जाने और उन खातों से जिस चेक के माध्यम से राशि की निकासी की गई है उसकी बी फॉरेंसिक जांच कराई जायेगी।
इस पूरे मामले में सहायकों के द्वारा खाता खोलने से लेकर राशि की निकासी करने तक न केवल फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया है, बल्कि फर्जी नाम से चेक काट कर उसकी निकासी भी की गई है। राशि का हस्तांतरण करने में भी जालसाजी की गई है। जांच में यह भी बात सामने आई है कि षड्यंत्र के तहत योजना बनाकर तत्कालीन शाखा प्रबंधक और सहायकों के द्वारा राशि की निकासी की गई है। जिस समय राशि की फर्जी तरीके से निकासी की गई, उसके करीब एक वर्ष पहले ही छह फर्जी खाते खोल लिए गए थे और उसके बाद एक वर्ष तक लगातार राशि की फर्जी निकासी होती रही।