पंजाब : धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता बिल पास करना संविधान और मूल सिद्धांतों के खिलाफ है

जामा मस्जिद, लुधियाना में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी व अन्य (टीआरटी फोटो)
Spread the news

पाकिस्तान शरणार्थियों के भेस में भारत में अतांकवाद फैला सकता है – शाही इमाम पंजाब 

मेराज आलम
ब्यूरो-लुधियाना, पंजाब

लुधियाना/पंजाब : केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से कैबिनेट में पारित करने के बाद अब संसद में पेश किए जाने वाले नागरिकता बिल का स्वतंत्रता सैनानियों की जमात मजलिस अहरार की ओर से विरोध करते हुए शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब और रहमान सानी लुधियानवी ने आज पत्रकार सम्मेलन में कहा कि धर्म के आधार पर किसी को भारतीय नागरिकता देना किसी भी तरह से उचित नहीं है, यह सरासर देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा कि भारत के संविधान में यह बात स्पष्ट रूप से कहीं गई है कि देश की सरकार किसी धर्म विशेष की नहीं बल्कि धर्म निरपेक्ष होगी और यही भारत का शुरू से सिद्धांत रहा है। शाही इमाम पंजाब ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का यह कहना कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में वहां के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं, इसलिए गैर मुस्लिमो को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिएं तो क्या चाइना, म्यांमार, नेपाल और श्रीलंका में अगर किसी मुसलमान पर अत्याचार हो उसे भारत की नागरिकता का अधिकार नहीं होगा?  क्या यह गैर मुस्लिम देश भारत के पड़ोसी नहीं है?  क्या इन देशों में मानवता पर अत्याचार नहीं हो रहे हैं?

जामा मस्जिद, लुधियाना में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी व अन्य (टीआरटी फोटो)

 शाही इमाम ने कहा कि म्यांमार में वहां के अल्पसंख्यकों पर बहुत अत्याचार हुए हैं उसे कौन नहीं जानता लेकिन फिर भी धर्म के आधार पर राजनीति की जा रही है। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि दुनिया इस वक़्त आतंकवाद से जूझ रही है। आतंक का कोई धर्म नहीं होता, वोट की राजनीति में कहीं हम इन पड़ोसी देशों से आए पाकिस्तानी घुसपैठियों के लिए दरवाजा तो नहीं खोलने जा रहे। क्योंकि अब तक जो भी जासूस और अतांकी भारत में पकडे गए हैं, उन सब का किसी एक धर्म से संबंध नहीं है। शाही इमाम ने कहा कि सरकार देश में बढ़ रही महंगाई ओर बेरोजगारी पर ध्यान केंद्रित करने की बजाए धर्म के नाम पर सियासत कर रही हैं। एक सवाल के जवाब में शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने कहा कि 6 दिसम्बर के दिन बाबरी मस्जिद को कानून की परवाह ना करते हुए शहीद कर दिया गया था, जिसे आज भी सुप्रीम कोर्ट ने गलत कहा है। इसलिए बाबरी मस्जिद की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता।


Spread the news