मधेपुरा/बिहार : बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर सत्र 2018 से यूजीसी नियमानुसार सीबीसएस आधारित पाठ्यक्रम से पठन-पाठन का कार्य संपादित किया जाएगा। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में इसकी तैयारी चल रही है। बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय की अगवाई में विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद् द्वारा भी इस पद्धति एवं प्रणाली के द्वारा स्नातकोत्तर की पढ़ाई किए जाने पर अनुमोदन दे चुकी है।
इस संबंध में शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 27 नवंबर को विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर अवस्थित विज्ञान संकाय के सेमिनार हॉल में प्रातः 11:30 बजे से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। आयोजन सचिव सह उप कुलसचिव अकादमी प्रो डा एमआई रहमान ने बताया कि इस आयोजन की जिम्मेदारी अकादमी शाखा को दी गई है। इस संदर्भ में अकादमी शाखा ने अपनी पूरी शक्ति इस आयोजन को सफल बनाने में लगा रखी है। इस कार्यशाला में स्नातकोत्तर विभागों के सभी विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं ऐसे महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य जहां स्नातकोत्तर का केंद्र है, उन्हें आमंत्रित किया गया है। इस कार्यशाला में विशेष रुप से परीक्षा नियंत्रक को भी आमंत्रित किया गया है, इन सबों की सहभागिता अनिवार्य है।
सीबीसीएस प्रणाली का ज्ञान सभी संबंधित शिक्षकों को होना अनिवार्य : बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कहा कि सीबीसीएस प्रणाली का ज्ञान सभी संबंधित शिक्षकों को होना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में इसको लेकर कोई कठिनाई उत्पन्न ना हो। प्रो डा एमआई रहमान ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्घाटन एवं अध्यक्षता कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय करेंगे। मुख्य अतिथि प्रति कुलपति प्रो डा फारुक अली होंगे, विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के चारों संकायाध्यक्ष क्रमशः प्रो डा एचएलएस जौहरी, प्रो डा ज्ञानंजय द्विवेदी, डा अरुण कुमार मिश्रा एवं डा लंबोदर झा होंगे। रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रो डा नरेंद्र श्रीवास्तव, प्रो डा नरेश कुमार एवं प्रो डा एमआई रहमान प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। ये राजभवन से प्राप्त सीबीसीएस आधारित नियम-परिनियम पर अपनी बातें रखेंगे। कार्यशाला में तीन सत्र होगा। पहला सत्र उद्घाटन समारोह, दूसरा सत्र तकनिकी सत्र एवं तीसरे सत्र में सभी सौभाग्य एवं रिसोर्स पर्सन के बीच विवेचना चर्चा परिचर्चा होगी। यह कार्यशाला प्रातः 11:30 बजे प्रारंभ होकर देर शाम छह बजे तक चलेगी। कार्यशाला के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. कार्यशाला में सहयोग देने केे लिए स्नातकोत्तर विभागों से कुल 12 छात्र-छात्राओं का चयन भी कर लिया गया है।