मधेपुरा : मौलाना आजाद ने स्वतंत्र भारत में रखी शिक्षा के विकास की आधारशिला-चन्द्रिका यादव

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय  माया विद्या निकेतन के डी बी रोड और नया नगर मदनपुर परिसर में आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर शिक्षकों ने जहां शिक्षा के औचित्य और वर्तमान हालात पर जहां अपनी बातें रखीं वहीं कई छात्रों ने छात्र जीवन व राष्ट्र के सन्दर्भ में शिक्षा की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।  वहीँ बच्चो के बीच प्रोजेक्टर द्वारा मुल्क के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन चरित्र से जुड़े महत्वपूर्ण वीडियो क्लिप को दिखाया गया।

नया नगर मदनपुर विद्यालय परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय की संचालिका सह निजी विद्यालय की जिला सचिव चंद्रिका यादव ने कहा कि मौलाना आजाद भारत के प्रखर स्वतंत्रता सेनानी के साथ साथ विपुल प्रतिभा के धनी थे पत्रकारिता, साहित्य में भी उनकी राष्ट्रीय फलक पर पहचान थी। स्वतंत्रता आंदोलन में उन्होंने गांधी जी के साथ मिलकर हिन्दू मुस्लिम के विवाद से उपर उठकर राष्ट्र के आजादी के लिए अपनी भूमिका नि भाई। आजादी के बाद जब बंटवारे कि बात हुई तब उन्होंने खुलकर विरोध ही भी किया बल्कि हिंदुस्तान में ही रहना पसंद किया। आजादी के  बाद जब वह शिक्षा मंत्री बने तब उन्होंने उच्च शिक्षा को स्थापित करने को लेकर खासकर कई पहल किए यूजीसी की स्थापना इसका प्रमाण है।

 उन्होंने कहा कि उनका सपना था कि भारत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर पर ही नहीं हो बल्कि शिक्षा के बल पर विश्व पटल पर अपनी  अलग पहचान बनाए। उप प्राचार्य मदन कुमार और परीक्षा नियंत्रक कृष्णा कुमार ने कहा की शिक्षा की सार्थकता इसी में है कि थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल समान स्तर पर मिले।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए मीडिया प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा की शिक्षा दिवस मनाने का मूल उद्देश्य है कि शिक्षा की सार्थकता को लेकर निरन्तर प्रयास हो और जरूरत के अनुसार बदलाव कर शिक्षा को देश के विकास का हथियार बनाया जा सके।

इस अवसर पर प्रिंसपल धर्मेन्द्र कुमार, शिक्षक गणेश कुमार,सरिता भांजा,इस्निग्धा,वर्षा दधीचि, राखी, कविता, मंजू घोस, रिजवान,आलोक कुमार, नूतन, मयूरी, चन्द्रशेखर, प्रवीण, दिलीप, खुर्शीद रहमानी उत्तम दास सुरेश आदि मौजूद थे।


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