गोपालगंज : इस्लाम के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की जयंती पर निकला भव्य जुलूस, चप्पे-चप्पे सुरक्षा के कड़े इन्तजाम

Spread the news

गोपालगंज   से  राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट :

गोपालगंज/बिहार : इस्लाम के आखरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की जयंती रविवार क़ो जिला मुख्यालय सहित कुचायकोट प्रखंड के सभी पंचायत में भी धूमधाम से मनाया गया । इस अवसर कुचायकोट प्रखंड समेत प्रखंड के पुरखास, बोधाछापर, सुकदेवपट्टी, राजापुर, सेमरा, सासामुसा, सिरिसिया, सगवा ढिह, कोटनरहवा, जलालपुर, समेत अन्य बाजारों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भव्य तरीके से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकला ।

मौलवी हाफिज ने बताया कि इस्लाम के आखरी पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन हिजरी रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है। 571 ईस्वीं को शहर मक्का में पैगंबर साहब हज़रत मुहम्मद सल्ल. का जन्म हुआ था। मक्का सऊदी अरब में स्थित है। 

आप सल्ल. के वालिद साहब (पिता) का नाम अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ल मुतलिब था और वालिदा (माता) का नाम आमना था। मुहम्मद सल्ल. के पिता का इंतकाल उनके जन्म के 2 माह बाद ही हो गया था। ऐसे में उनका लालन-पालन उनके चाचा अबू तालिब ने किया। आपके चाचा अबू तालिब ने आपका खयाल उनकी जान से भी ज्यादा रखा।

आप सल्ल. अलै. बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लगे रहते थे। आपने कई दिनों तक मक्का की एक पहाड़ी ‘अबुलुन नूर’ पर इबादत की। 40 वर्ष की अवस्था में आपको अल्लाह की ओर से संदेश (इलहाम) प्राप्त हुआ। अल्लाह ने फरमाया, ये सब संसार सूर्य, चांद, सितारे मैंने पैदा किए हैं। मुझे हमेशा याद करो। मैं केवल एक हूं। मेरा कोई मानी-सानी नहीं। लोगों को समझाओ। हज़रत मोहम्मद सल्ल. अलै. ने ऐसा करने का अल्लाह को वचन दिया, तभी से उन्हें नबूवत (पैगम्बरी) प्राप्त हुई।

हज़रत मोहम्मद साहब के समय में जो अल्लाह की पवित्र किताब उतारी गई है, वह है- कुरआन। अल्लाह ने फरिश्तों के सरदार जिब्राइल अलै. के मार्फत पवित्र संदेश (वही) सुनाया। उस संदेश को ही कुरआन में संग्रहीत किया गया है। 1,400 साल हो गए लेकिन इस संदेश में जरा भी रद्दोबदल नहीं है। 

नबूवत मिलने के बाद आप सल्ल. ने लोगों को ईमान की दावत दी। मर्दों में सबसे पहले ईमान लाने वाले सहाबी हज़रत अबूबक्र सिद्दीक रजि. रहे। बच्चों में हज़रत अली रजि. सबसे पहले ईमान लाए और औरतों में हजरत खदीजा रजि. ईमान लाईं। 

वफात : 632 ईस्वीं, 28 सफर हिजरी सन् 11 को 63 वर्ष की उम्र में हज़रत मुहम्मद सल्ल. ने मदीना में दुनिया से पर्दा कर लिया। उनकी वफात के बाद तक लगभग पूरा अरब इस्लाम के सूत्र में बंध चुका था और आज पूरी दुनिया में उनके बताए तरीके पर जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं।

इस मौके पर पुलिस प्रशासन काफी अलर्ट दिखे । सभी मंदिर-मस्जिदों एवं मजारो के पास पुलिस बल की तैनाती की गई थी ।

इस मौके पर कुचायकोट  थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, गोपालपुर थानाध्यक्ष अजित कुमार सिंह और विष्मभरपुर थानाध्यक्ष अशोक कुमार सहित अन्यं पदाधिकारी मौजूद थे।


Spread the news