मधेपुरा : उंचे मुकाम तक जाने के लिए कड़ी मेहनत और सच्ची लगन की जरुरत- मैथिली ठाकुर

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : विदेशों में भी लोग पंसद करने लगे है,  2020 में कई कार्यक्रम विदशों में किया जायेगा। जिसके लिये मुझे आमंत्रित किया गया है। मधेपुरा में मैं तसरी बार आ चूकी हूं। यहां के लोग मुझे काफी पसंद करते है और इन लोगों का बहुत सारा प्यार मिलते आया है, इसलिये मधेपुरा में बार बार आने का अवसर मिलता है।

उपरोक्त बातें गायिका मैथिली ठाकुर ने जिला मुख्यालय स्थित गौशाला परिसर में आयोजित राजकीय महोत्सव में प्रेसवार्ता में कही।

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उन्होंने कहा मुझे खुद मालूम नहीं है कि मैने कितने गाने गाये हैं और कितने भाषाओं में गाये हैं। मुझे यह भी मालूम नहीं है कि कौन से एक गाने को लेकर प्रसिद्ध हुई हूं। सभी तरह के गाने गाती हूं, सभी गाने को मेरे चाहने वाले पंसद करते हैं। मैने मैथिली, भोजपुरी, हिंदी, पंजाबी, गुजराती आदि भाषाओं में गाने की प्रस्तुति दी है, लोगों का प्यार मिला है। मैथिली ठाकुर ने कहा अब तक लगभग सात सौ कार्यक्रमों में भाग लिया है। संगीत मुझे विरासत में मिली। मेरे दादा, पिता संगीत में थे। जिसे मैं उंचे मुकाम पर ले जाने के लिये कड़ी मेहनत कर रहीं हूं। वहीं मनपसंद गाने में जुग जुग जिया सु ललनवा भवनवा के भाग जागल हो… भी गाया।


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