
उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : दर्शन परिषद् बिहार का 42 वां वार्षिक अधिवेशन वर्ष 12 से 14 दिसंबर 2019 को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में होना सुनिश्चित है। इसमें दर्शनशास्त्र सहित सभी विषयों के शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं और दर्शन में रूचि रखने वाले स्वतंत्र लेखक, पत्रकार एवं समाजकर्मी भाग ले सकते हैं।
इस बावत बीएनएनयू के कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद यादव ने शुक्रवार को प्रारंभिक सूचना एवं आमंत्रण पत्र जारी किया। कुलसचिव ने बताया कि तत्काल अधिवेशन की तैयारी के लिए कोर कमिटी का गठन किया गया है। कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय इसके प्रधान संरक्षक एवं प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली संरक्षक होंगे। विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डा ज्ञानंजय द्विवेदी स्वागताध्यक्ष एवं दर्शनशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सह दर्शनशास्त्र विभाग टीपी काॅलेज के अध्यक्ष डा शिवशंकर कुमार संयोजक होंगे। विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर सह विश्वविद्यालय जनसंपर्क पदाधिकारी एवं दर्शन परिषद् बिहार के संयुक्त मंत्री सह मीडिया प्रभारी डा सुधांशु शेखर को आयोजन सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। विस्तृत आयोजन समिति का गठन दुर्गा पूजा के बाद किया जाएगा।

स्मारिका के लिए शोध-सार आमंत्रित : आयोजन सचिव डा सुधांशु शेखर ने बताया कि सम्मेलन में समाज, धर्म, इतिहास, राजनीति, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, पर्यावरण, अर्थशास्त्र एवं मनोविज्ञान, विज्ञान सहित किसी भी विषय से संबंधित शोध-आलेख प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रस्तुत किए गए आलेखों को परिषद् की शोध-पत्रिका ‘दार्शनिक अनुगूंज’ में प्रकाशित किया जाएगा। इसके अलावा सम्मेलन के अवसर पर एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी। इसके लिए 30 नवंबर तक शोध-सार [email protected] पर भेजा जा सकता है। सम्मेलन में भाग लेने हेतु छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों के लिए सात सौ रूपये और शिक्षकों एवं अन्य के लिए एक हजार रूपये पंजीयन शुल्क निर्धारित किया गया है। सभी पंजीकृत प्रतिभागियों को निःशुल्क प्रमाण-पत्र एवं स्मारिका वितरित की जाएगी।
बीएनएमयू में पहली बार अधिवेशन : प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने बताया कि यह अधिवेशन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा संपोषित है और इसके लिए परिषद् से एक लाख रुपए अनुदान भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि बीएनएमयू में पहली बार दर्शन परिषद् का सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। साथ ही वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में आयोजित होने वाला यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
