मधेपुरा : लक्ष्मण का अपहरण या साजिश ? स्वतः बरामदगी पर उठ रहे सवाल, पुलिस मान रही है साजिश

Spread the news

कौनैन बशीर
वरीय उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिले के उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के गोपालपुर पंचायत के वार्ड संख्या 7 निवासी 22 वर्षीय अपहृत लक्ष्मण कुमार की बरामदगी बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। चर्चा आम है कि लक्ष्मण का अपहरण हुआ था या फिर परिजनों ने मिलकर साजिश रची थी।

फिलहाल पुलिस इस मामले को संदेहास्पद मन रही है। एसडीपीओ सीपी यादव ने बताया कि मामले की तफ्तीश जारी है। पुलिस के मुताबिक जिस तरह से घटना की कहानी बताई जा रही है। वह कई सवाल पैदा करती है। शुरुआती दौर में परिजनों के बयान और बरामदगी बाद अपहृत का बयान शक पेदा करने जैसा है। थानाध्यक्ष रविकांत कुमार कहना है कि अपहरण की वरदात संदिग्ध लग रहा है। गांव में भी इस बात की चर्चा है कि लक्ष्मण का अपहरण साजिश है। गांव वाले बताते है कि लेनदेन को लेकर पड़ोसी से मामूली झगड़ा हुआ था। जहां पड़ोसी को साजिशन अपहरण मामले में फंसाने की कोशिश की गई है।

बहरहाल मामला संदिग्ध है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीँ इस मामले में एसडीपीओ ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी।

मालुम हो रविवार को अपहृत लक्ष्मण सकुशल घर वापस लौट आया है। वह गुरुवार से ही घर से लापता था। परिजनों की मानें तो 60 हजार की फिरौती की राशि चुकता करने के बाद लक्ष्मण घर वापस आया। परिजनों ने बताया कि लक्ष्मण पूर्णिया के कसबा थाना क्षेत्र से खुद भागकर रानीपत्रा में समय बिताया। सूचना पर परिजन वहां पहुंच कर अपहृत को घर वापिस लाये। बाद में परिजन ने पुलिस के समक्ष अपहृत को उपस्थित कराया। जहां पुलिस ने अपहृत के बयान दर्ज किए।

बरामदगी बाद परिजन ने पुलिस को बताया कि उसे रविवार की अहले सुबह लक्ष्मण ने फोन कर बताया कि वह पूर्णिया के कसबा क्षेत्र में  है। परिजन ने अपहृत को बताया कि उसी जगह रहो। फिर अपने रिस्तेदार को भेजकर अपहृत को पूर्णिया के रानीपत्रा गांव भेजवाया। वहां से परिजन गांव के मुखिया मणी के साथ अपहृत को घर लाए। अपहृत ने पुलिस को बताया कि गुरुवार के दिन उदाकिशुनगंज कोर्ट के आगे एक होटल के सामने एक चरपहिया पर सवार कुछ लोगों ने आवाज दिया। फिर अपनी गाड़ी में बैठा लिया। उदाकिशुनगंज के दुग्ध शीतक केंद्र के पास जबर्दस्ती एक टेबलेट खिला दिया। उसके बाद वह बेहोश हो गया। उसके बाद से वह कुछ नहीं जान पाया। उसके बाद अपहर्ता अपने वाहन पर ही रखता था। अपहर्ता ने 60 हजार फिरौती मांगी। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी। अपहर्ताओं ने अपहृत के मोबाइल से ही लक्ष्मण की बात घर वालों से बात करा फिरौती की राशि भेजने को कहा। अपहर्ताओ ने अपहृत की मां के खाते में राशि भेजने को कहा। वजह कि अपहृत के मां का एटीएम लक्ष्मण के पास ही था। परिजन के मुताबिक फिरौती की राशि भेज दी गई। अपहर्ताओं ने राशि निकाल भी ली। उसके बाद अपहर्ता कसबा के नेशनल हाईवे के सुनसान जगह पर गाड़ी लगाया। वहां चालक शौच करने चला गया। सभी अपहर्ता गाड़ी में सो गये। इसका फायदा उठाकर अपहृत भाग निकला।

इधर इस पुरे मामले में अपहृत और परिजन के बयान को पुलिस मनगढंत कहानी मान रही है। पुलिस ने बताया जांच बाद सबकुछ साफ हो जाएगा। पुलिस ने यह भी बताया कि अपहरण की सूचना के बाद से ही कार्रवाई जारी था।

इधर उदाकिशुनगंज एसडीपीओ सीपी यादव ने बताया कि अपहरण का मामला संदेहास्पद जान पड़ता है। वैसे मामले की तफ्तीश जारी है। जांच के बाद स्पष्टता सामने आ जाएगा।


Spread the news