सुपौल : राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न हुआ पूर्व सीएम का अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री सहित पहुंचे कई दिग्गज नेता

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : पूर्व मुख्यमंत्री स्व डॉ जगन्नाथ मिश्र का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव छातापुर प्रखंड के बलुआ पहुंचते ही लोगों की भारी भीड़ उमर पड़ी । पूर्व मुख्यमंत्री स्व डॉ मिश्र के शव को देखने के लिए विभिन्न पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्यां में पहुंचे । इतना ही नहीं आसपास के गावों से भी बड़ी संख्यां में लोग उनके पार्थिव शरीर को देखने पहुंचे । भारी सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गये थे, लिहाजा चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात किए गये थे, इस दौरान स्व डॉ मिश्र के परिवार वाले गमगीन नजर आए । और आने वाले लोगों से मिल भी रहे थे ।

मालूम हो कि स्व मिश्र का अंतिम संस्कार उनके आवास परिसर के सामने पंच मुखी मंदिर परिसर में किया गया, जहां उनके बड़े बेटे संजीव कुमार मुखाग्नि दिया, मौके पर मौजूद स्व मिश्र के भतीजे राजीव मिश्र ने बताया कि डॉ मिश्र के निधन से पूरे बिहार के लोग मर्माहत हैं उन्होने कहा कि उन्हें लोग कितना चाहते हैं ये बात आज उन्हें एहसास हुआ जब रास्ते में लोग उनके पार्थिव शरीर को देखने बड़ी संख्यां में लोग पहुंच रहे थे, यही आलम गांव में भी देखने को मिल रहा है, निश्चित रूप से ये अपूर्णीय क्षति हैं जिसे निकट भविष्य में पूरा नहीं किया जा सकता है ।

वहीं राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न इस अंतिम संस्कार में पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी, विधान सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने श्रधांजलि अर्पित करते हुए उनके आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना की, इस दौरान खास बात रही कि मुख्यमंत्री के समक्ष सम्पन्न राजकीय सम्मान के साथ हो रहे अंतिम संस्कार में पुलिस बल द्वारा दिए जाने वाले सलामी के दौरान एक भी रायफल से फायर नहीं हो सकी, जो प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी, मालूम हो कि स्व मिश्र को उनके बड़े पुत्र संजीव कुमार ने मुखाग्नि दी, उसके बाद मुख्यमंत्री पुनः पटना के लिए रवाना हो गये, खास बात या रही कि इस दौरान बड़ी संख्यां में विभिन्न पार्टी के नेता और आसपास के लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे थे ।

बता दें कि डॉ जगन्नाथ मिश्र का निधन 82 वर्ष के उम्र में सोमवार को दिल्ली में हो गया था । मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना के शास्त्री नगर स्थित उनके आवास पर रखा गया था । वहां लोगों ने बड़ी संख्या में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी । इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि डॉ जगन्नाथ मिश्र के निधन से हम सब दुखी हैं । वैसे तो यह नियति की बात है कि जो इस धरती पर आया है, उन्हें एक न एक दिन जाना है । जगन्नाथ मिश्रा की गिनती बिहार के कद्दावर नेताओं में होती थी । वे तीन बार बिहार के सीएम रहे थे साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी मंत्री का पद संभाल चुके थे । उनके निधन के बाद तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई थी ।

उन्होंने पहली बार कांग्रेस पार्टी से यह जिम्मेदारी वर्ष 1975 में संभाली, दूसरी बार भी वो 1980 में राज्य के मुख्यमंत्री बने । आखिरी बार वह 1989 से 1990 तक बिहार के बतौर कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री रहे । वह 90 के दशक के मध्य में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे । बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने राजनीति से पहले अपने करियर की शुरुआत लेक्चरर के तौर पर की थी । बाद में उन्होंने बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दी । इस दौरान उन्होंने 40 के करीब रिसर्च पेपर लिखे । जगन्नाथ मिश्रा का शुरू से ही राजनीति से लगाव रहा था । वो 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे ।

इस मौके पर बिहार सरकार के पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारीक सद्दीकी, एमएलसी विजय कुमार मिश्र, सांसद गोपाल जी ठाकुर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, पूर्व सांसद सुखदेव पासवान, विधायक लेसी सिंह, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह जाप राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखलाक अहमद, पिपरा राजद विधायक यदुवंश यादव, कांग्रेस एआसीसी सचिव किशोर कुमार झा, पूर्व विधायक सम्राट चौधरी, स्थानीय सांसद दिलेश्वर कामेत, स्थानीय विधायक नीरज सिंह बबलू, राजद युवा राष्ट्रीय महासचिव संजीव मिश्रा, कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मिन्नत रहमानी, सुमित मिश्रा, आनंद मिश्रा, कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मजहरुल हक खान, जितेंद्र झा, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश चौधरी, शालिग्राम पांडेय, सितानंद झा उर्फ सुनील बाबू, डॉ शक्तिनाथ झा, सुशील मंडल, शिवाकांत मिश्र, अंतराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंस्था आरक्षण इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बिमल झा, कृष्णा मिश्र, ललन यादव, गायत्री देवी, राधेश्याम मेहता, अशवनी कुमार उर्फ क्रांति झा, सैफुल्लाह अंसारी, गुलाम मुस्तुफा उर्फ बिस्मिल्लाह अंसारी, आरके राजा बब्बू, पूर्व जीप सदस्य मो जहांगीर, निधि मोशम आदि मौजूद थे।


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