सुपौल : कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेशों में शामिल करना, सरकार की ऐतिहासिक भूल- खलीकुल्लाह अंसारी

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : जहाँ एक तरफ तमाम केन्द्र शासित प्रदेश खुद को पूर्ण राज्य की फेहरिस्त में शामिल होने की लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक पूर्ण राज्य को भारत की वर्तमान सरकार ने एक ऐतिहासिक भूल करते हुए संविधान को ताक पर रख कर दो हिस्सों में केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव सदन में रखा। जबकि कि जम्मू कश्मीर अपने अधिकारों को मनवाने के बाद ही अपना विलय भारत में किया था। भारतीय संविधान में भी इसकी उल्लेखना है कि कश्मीरियों के तमाम मानें हुए अधिकार हमेशा स्वतः रहेंगे। हमें यह भी समझना होगा कि कश्मीर एक ऐसा राज्य है जिसकी सीमा हमारे दो प्रतिद्वंदी चीन और पाकिस्तान से मिलती है।

उक्त बातें खादिम ए मजलिस खलीकुल्लाह अंसारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही । उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के द्वारा राजनीतिक स्वार्थ में लिया गया फैसला और एक विशेष राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बदल देना पूर्णतः गलत है। चीन और पाकिस्तान जो इन मुद्दों को लेकर हमेशा एक रहे हैं इसके बावजूद कश्मीरियों ने कभी भी उनका साथ नहीं दिया। वह हमेशा भारत के साथ खड़े रहे। शायद यही वजह है कि आज तक कश्मीर भारत का अभिन्न अंग माना जाता रहा है। अब अगर नए प्रस्ताव पाड़ित हो जाते हैं तो इसके तहत कश्मीरियों के तमाम विशेष अधिकार जो अबतक उन्हें प्राप्त थे वह खत्म हो जायेंगे।  ऐसे में कश्मीरी भारत के साथ खड़ा रहेगा इसका जवाब तो आने वाला समय ही बतायेगा।


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