सुपौल : युवती का अपहरण कर दो दिन तक किया सामूहिक बलात्कार, छातापुर थानाध्यक्ष पर बलात्कारी को बचाने का आरोप

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टीआरटी डेस्क

छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर थाना क्षेत्र के माधोपुर पंचायत से बीते रविवार को एक 18 वर्षीय युवती का गांव के ही दो युवक द्वारा अपहरण कर दो दिन तक लगातार सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है । पीड़िता द्वारा छातापुर थाना में दिए आवेदन में बताया है कि पिछले 23 जून को लगभग 10 बजे दिन में गांव के ही मो सादिक मियां के पुत्र मो सरफराज एवं करीमन साफी के पुत्र मो बबलू साफी के द्वारा मेरे मोबाइल पर फोन कर बोला कि तुम्हारी माँ मूंग खेत मे बेहोश हो गई है, इस बातो को सुनकर मैं जैसे घर से पूरब मूंग खेत अपनी माँ को देखने जा रही थी, इसी बीच कब्रिस्तान के नजदीक पूर्व से बुल्लेट लगा कर उक्त दोनों युवक खड़ा था, और जैसे ही हम नजदीक पहुंचे तो दोनों युवक मुझे जबरन हथियार के बल से बाइक पर बैठा लिया और मुंह को दुपट्टे से बांध कर मुझे सुपौल की ओर लेजाकर उक्त दोनों युवक दो दिन तक बारी बारी से दुष्कर्म किया और मुझे धमकाते रहा

दो दिन बाद 25 जून को दुष्कर्मी दोनो युवक ने मुझे मधुबनी पंचायत के क्वाटर चौक एनएच 57 पर मुझे छोड़कर दोनों युवक वहाँ से फरार हो गए । वहां से मैं किसी तरह लक्ष्मीनिया पंचायत के बरोमतरा गांव अपने नानी के घर पंहुचकर सारी घटना की जानकारी दिया। मेरे ननिहाल पक्ष द्वारा मेरे पिता को घटना की सूचना दी गई । युवती के पिता ने बताया कि 24 जून को मैं अपने पुत्री के अपहरण हो जाने का लिखित आवेदन छातापुर थाना में दिया था, लेकिन थानाध्यक्ष द्वारा दो दिन तक अपहरण का मामला नही दर्ज किया । जब 25 जून को मेरी पुत्री को अपहरणकर्ता द्वारा मुक्त किया तो मैं 26 जून को पुनः छातापुर थाना में लिखित आवेदन मेरी पुत्री ने दिया। आवेदन देने के बाद थानाध्यक्ष ने गुरूवार की सुवह आने को कहा, गुरूवार को अपनी पुत्री के साथ वह थाना पर थानाध्यक्ष के इंतजार मे घंटों बैठे रहे, थानाध्यक्ष राघव शरण से जब मुलाकात नही हुई तब जा के डीएसपी बीरपुर से मोबाईल पर शिकायत करने के बाद थानाघ्यक्ष पहूंचे, लेकिन आवेदन बदलने का दबाब बनाकर मामले में अभी तक प्राथमीकि दर्ज नहीं की गई है ।

छातापुर थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीड़ित परिवार ने बताया कि थानाध्यक्ष द्वारा कार्यालय कक्ष में पीड़िता को बुलाकर जहाँ उसकी मां और पिता दोनो को बाहर निकाल दिया गया और बिना महिला पुलिस के थानाध्यक्ष ने अपने कक्ष में पुछताछ के दौरान दिए गए आवेदन बदलने का दबाब देने लगा तथा पीड़िता के कथना अनुसार थानाध्यक्ष द्वारा अभद्रता पूर्ण व्यहवार किया गया । जो बात उनको नही पूछना था वैसे सवाल कर मुझे भयभीत कर और अपमानित कर आवेदन बदलने का दवाब बनाया । पीडिता के परिजनों ने बताया कि अपनी पुत्री को न्याय दिलाने के लिए वह परेशान हैं और मामले में छातापुर थाना के अलावे महिला थाना से लेकर डीएसपी बीरपुर तथा एसपी सुपौल से भी गुहार लगाई गई,परंतु पुलिस के असहयोग रवैये उनकी पुत्री को न्याय मिलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है । पुलिस की इस रवैये से थाना क्षेत्र में इस घटना को लेकर पुलिस महकमे को किरकिरी हो रही है ।

बताया जाता है कि आए दीन इस थाना क्षेत्र में लूट, अपहरण, चोरी और बलात्कार जैसी घटना आम बात हो गई है । पीड़ित के द्वारा आवेदन दिए जाने के वावजूद भी पुलिस द्वारा 3 से 4 दिन तक मामला दर्ज नही किया जाता है । मीडिया के संज्ञान में घटना आने के बाद वरीय अधिकारियों के दवाब पर आनन-फानन में केस तो दर्ज कर ली जाती है । जो खानापूर्ति के रूप में नजर आता है । पीड़ित युवती के पिता ने यह भी बताया कि उक्त दोनों बलात्कारी युवक के पिता समाज के प्रबुद्ध लोगो मे से गिने जाते हैं, जिसको लेकर प्रखंड के कई नामी गिरामी नेता के द्वारा थानाध्यक्ष पर दबाव और पैसे की लालच देकर प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज बरत रहा है ।

इस बाबत थानाध्यक्ष राघव शरण से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है । जबकि बीरपुर डीएसपी सह त्रिवेणीगंज प्रभारी डीएसपी रामानंद कुमार कौशल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पीड़ित युवती द्वारा गुरुवार को फोन पर मुझे घटना के बारे मेंं जानकारी दी गई थी, मैंने छातापुर थानाध्यक्ष को त्वरित कार्यवाई करते हुए दोषी व्यक्ति को अविलंब गिरफ्तार करने का आदेश गुरुवार को ही दिया था ।


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