पटना/बिहार : जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने अपने वक्तव्य में कहा कि राजद के सोच पर हंसी और तरस आती है। इनके द्वारा अपने प्रवक्ताओं को पद से हटाने पर इनके दिवालियापन सोच का सबसे बड़ा सुबूत मानता हूं। यह तानाशाही रवैया है ,क्योंकि लोकसभा चुनाव में प्रवक्ताओं ने गलती नहीं की थी, बल्कि नेताओं ने टिकट देने में गलती की थी। गठबंधन बनाने में जिस तरह से कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को कमजोर करके छोटी छोटी पार्टियों को सीटे दे कर के सौदेबाजी की थी, उसका ही परिणाम रहा की महागठबंधन का स्कोर 39 के मुकाबले 1 रहा।
उन्होंने कहा कि आज नेता प्रतिपक्ष ऐसे समय में गायब हैं, जब बिहार के बच्चे निरंतर काल के गाल में समा रहे हैं तो उस पर सरकार को घेरने के लिए उनके पास समय नहीं है। वह कहां गायब हैं, इसका पता बताने की स्थिति में राजद में कोई भी नहीं है। छोटे से बड़े नेता एक दूसरे से बात करने से भी कतराते हैं और मीडिया को सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। इससे पूरे राज्य में जनता यह पूछ रही है कि क्या सिर्फ वोट के समय में संविधान बच सकता है या आम जनों की जान की कीमत को बचाकर भी संविधान की रक्षा हो सकती है। यह बात राष्ट्रीय जनता दल को स्पष्ट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजद अपने नेताओं के ऐब को छुपाने के लिए प्रवक्ताओं पर गाज गिरा कर जनता के बीच में अपनी छवि बचाने का असफल प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इनका यह प्रयास इसलिए सफल नहीं हो सकता है क्योंकि राजद को अब जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं रह गया है।