सुपौल : मेंथा की खेती का जायजा लेने छातापुर पहुंची जिला कृषि विभाग की टीम

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रियाज खान
संवाददाता
भीमपुर, सुपौल

छातापुर/सुपौल/बिहार : छातापुर प्रखंड के उधमपुर पंचायत में मंगलवार को मेंथा खेती का जायजा लेने पहूंचे जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने जायजा लेने के क्रम में बताया कि सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाकर किसानों की खेती को सुलभ और उपजाऊ बनाने के मद्देनजर कई तरह की खेती का प्रशिक्षण किसानों के बीच दिया गया है । पंचायत स्तर पर चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से उन्नत खेती के उपाय बताये गए है ।

श्री झा ने बताया छातापुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में लगभग 30 एकड़ मेंथा का खेती की गई है । इसी कड़ी में उधमपुर पंचायत के पूर्व मुखिया सह वर्तमान पैक्स अध्यक्ष महानंद प्रसाद यादव के द्वारा लगभग तीन एकड़ में मेंथा का खेती किया गया है । जिसका अभी कटाई चल रहा है । श्री यादव द्वारा जानकारी दिए जाने पर मेंथा खेती का जायजा लेने आज उधमपुर पंचायत का दौरा किया गया । जिसमें श्री यादव के अलावे रामचंद्र दास, सुरेश मेहता आदि किसानों द्वारा मेंथा का लगभग 10 एकड़ खेती किया गया है । जिस खेती से अधिक संख्या में किसानों को लाभ मिलने की संभावना है । इस के लिए श्री झा ने श्री यादव का प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकारी स्तर से बिना किसी सहयोग से इस खेती को बढ़ावा दिया है जो काबिले तारीफ है ।

इतना ही नही इनके द्वारा अन्य किसानों को भी  इस तरह से खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है । इस फसल के बारे में उन्होंने बताया कि मेंथा से तेल तैयार की जाती है जिसे मार्केट 1500 से 2000 रुपये प्रति लीटर के दर से बेचा जाता है । एक एकड़ की फसल से लगभग 30 लीटर तेल तैयार होती है, जिसमे लागत मात्र 15 से 20 हजार रुपया आता है, फसल मात्र तीन माह में तैयार हो जाता है । उन्होंने ने श्री यादव को अस्वस्थ करते हुए कहा कि जिस किसी भी किसान के द्वारा मेंथा का फसल लगाया गया है, उन्हें मैं सरकारी सहायता राशि दिलाने का प्रयास करूंगा ।

वही उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सरकार द्वारा सभी पंचायतो में कृषि कार्यालय के लिए एक टेबल, गोदरेज, कुर्सी आदि समान किसानों के हित के लिए दिया गया है, जहां नित्य दिन किसान सलाहकार को 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठकर किसानों की समस्या का समाधान करना है, ताकि किसानों को प्रखंड या जिला का चक्कर नही लगाना हो, लेकिन ऐसी शिकायतें मिल रही है कि किसान सलाहकार अपने घर पर ही सरकारी समान रख कर घर मे बैठते हैं, वैसे सलाहकार बख्से नहीं जाएंगे, और मैं जिले के किसी भी प्रखंड और किसी भी पंचायत का अचौक निरीक्षण के लिए पहुंच सकता हूँ।


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