मधेपुरा/बिहार : बीएड अनुतीर्ण छात्रों ने सोमवार को बीएनएमयू के प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली को मांगें पूरी नहीं होने पर उनके कार्यालय में तीन घंटे तक बंधक लिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार छात्र दोपहर लगभग 12 बजे विश्वविद्यालय पहुंचे प्रति कुलपति प्रो डा फारुक अली से उनके कार्यालय में वार्ता के लिए पहुंचे।
लगभग 45 मिनट तक कार्यकर्ताओं व प्रति कुलपति प्रो डा फारुक अली के बीच काफी तेज नोंक-झोंक हुई। छात्र बीएड की विशेष परीक्षा के आयोजन पर अड़े थे। वार्ता के दौरान बात नहीं बनने पर कार्यकर्ताओं ने प्रति कुलपति को कार्यालय में ही बंधक बना कर बाहर से बिजली कनेक्शन ऑफ कर दिया। प्रति कुलपति को बंधक बनाए जाने के बाद प्रभारी कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद व परिसंपदा पदाधिकारी प्रो बिजेंद्र प्रसाद यादव ने छात्रों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन, कार्यकर्ताओं ने किसी की भी बात मानने को तैयार नहीं हुये। बाद में घटना की सूचना सदर थाना को दी गई। सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष सुरेश राम पुलिस बल के साथ विश्वविद्यालय पहुंच छात्रों को वार्ता के तैयार कर गेट खुलवाया। इसके बाद छात्रों ने प्रति कुलपति कार्यालय के गेट को खोल दिया।
15 नंबर से अनुत्तीर्ण छात्र पास और तीन नंबर वाले फैल : बीएड छात्रों का कहना था कि बीएड के अनुतीर्ण 136 छात्रों में से केवल 48 छात्रों को पास किया गया। जबकि 88 छात्र रिटोटलिंग के बाद भी फेल है। विश्वविद्यालय प्रशासन 15 नंबर से अनुत्तीर्ण छात्रों को उत्तीर्ण कर दिया। जबकि दो या तीन नंबर से अनुत्तीर्ण छात्रों को अनुत्तीर्ण छोड़ दिया गया। छात्रों ने कहा कि इससे पूर्व कुलपति से मिलने पर आश्वासन दिया गया था कि छात्रों को उनके उत्तरपुस्तिका का छायाप्रति दिया जायेगा, लेकिन आवेदन जमा करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उत्तरपुस्तिका का छाया प्रति नहीं दे रहे हैं। जब विवि के वरीय अधिकारियों से इस संबंध में बात करते हैं तो कहीं से कोई जानकारी नहीं दी जाती है। एक सप्ताह पूर्व ही छात्रों ने विशेष परीक्षा की मांग की थी।
इस पर विश्वविद्यालय की ओर से कहा था कि परीक्षा बोर्ड की बैठक में ही विशेष परीक्षा के आयोजन पर कोई विचार किया जायेगा। लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। विशेष परीक्षा के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। छात्रों का कहना था कि वे लोग पिछले दो महीने से विश्वविद्यालय का चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो चुके हैं। इसी मांग को लेकर शनिवार को भी छात्रों ने विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों में ताला लगाकर मुख्य गेट को बंद कर दिया था।
उस वक्त विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों को कुलपति से वार्ता के लिए सोमवार को बुलाया गया था। छात्र जब सोमवार को कुलपति से वार्ता के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे तो कुलपति मुख्यालय से बाहर थे।इसके बाद छात्रों ने प्रति कुलपति कार्यालय का रूख किया। विवि छात्रों के भविष्य के साथ करती है खिलवाड़ : छात्र-छात्राओं ने कहा कि हमलोग का विशेष परीक्षा लिया जाय। मालूम हो कि 27 मई को संयुक्त छात्र संगठन एवं बीएड के छात्र-छात्राओं की वार्ता कुलपति से हुई थी। उस दौरान कुलपति ने कहा था कि आपलोग अपने महाविद्यालय से आवेदन फॉरवर्ड करवा के 250 रुपये विश्वविद्यालय कॉउंटर पर जमा कर उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त कर लें। वार्ता के दौरान छात्र-छात्राओं ने मांग किया था कि उन लोगों की विशेष परीक्षा ली जाय जिस पर कुलपति ने कहा था कि एनसीटीई नियम के तहत परीक्षा ली जा सकती है इन मामले को परीक्षा समिति की बैठक में रखा जाएगा।
मौके पर एआईएसएफ जिलाध्यक्ष मो वासिउद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि विश्वविद्यालय बीएड के छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ जान बूझ कर खिलवाड़ कर रही है। तीन महीने से सिर्फ दौड़ाने का काम कर रही है। परीक्षा विभाग को छात्र-छात्राओं की समस्या से कोई लेना देना नहीं है, जो छात्र छात्राएं 15 अंक से अनुत्तीर्ण है उसे उत्तीर्ण कर दिया जाता है और जो तीन, चार या पांच अंक से अनुत्तीर्ण है उसे अनुत्तीर्ण ही छोड़ दिया जाता है। मांग पत्र सौंपने के बाद भी नहीं लिया संज्ञान : एसएफआई के विश्वविद्यालय प्रभारी छात्र सारंग तनय ने कहा कि 21 मई को कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार को सौपें। 10 सूत्री मांगों पर बीएनएमयू प्रशासन ने अब तक संज्ञान क्यों नहीं लिया। राजभवन के किस निर्देश पर प्रीपीएचडी टेस्ट शुल्क 25 सौ रुपया, प्रपत्र शुल्क तीन सौ रुपया। कुलपति अपने दो साल के कार्यकाल पूरे होने पर लंबे-लंबे भाषण न दें। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कुलपति अपने दो साल के कार्यकाल को सफल बता कर खुद का ही पीठ थपथपा रहे हैं। जबकि छात्र-छात्राओं की समस्या को देखकर साफ प्रतीत होता हैं कि कुलपति की मंशा छात्र हित मे काम करने की कतई नहीं है। छात्र-छात्राओं के सब्र का बांध अब टूट रहा है, अब अगर बीएड के छात्रों के साथ न्याय व प्रीपीएचडी टेस्ट शुल्क को पांच सौ रूपया नहीं किया गया तो संयुक्त छात्र संगठन उग्र आंदोलन करती रहेगी। प्रतिकुलपति से नौक झौंक, फिर है हंगामा : सोमवार को घटना के दौरान एक छात्र से प्रति कुलपति से काफी नोकझोंक हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय कर्मियों ने एकजूटता दिखाते हुए एक-एक सभी छात्रों को प्रति कुलतपि के चैंबर से बाहर निकाल दिये।
मौके पर कमांडो हेड विपीन कुमार, विकास कुमार, चुनमुन, गोपाल, धर्मेंद्र आदि छात्रों को समझाने में लगे रहे। कार्यालय से प्रति कुलपति प्रो डा फारुक अली को 12 बजे से शाम पांच बजे तक बाहर नहीं निकलने दिया गया। कुलपति के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में भी प्रति कुलपति को जाने से रोक दिया गया। हालांकि बाद में कर्मचारियों के काफी प्रयास व कुलपति से वार्ता कराने के आश्वासन पर उन्हें कार्यालय से बाहर निकलने दिया गया। शाम छह बजे तक छात्रों का आंदोलन जारी था। आंदोलन में सेट्रल काउंसिल मेंबर माधव कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
प्रति कुलपति कार्यालय में वार्ता के दौरान प्रभारी कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद, परिसंपदा पदाधिकारी बिजेंद्र प्रसाद यादव, क्रीड़ा समिति के उपसचिव शंकर कुमार मिश्र, थानाध्यक्ष सुरेश राम आदि उपस्थित थे।