मधेपुरा : दो पत्नी के चक्कर में पति की गई जान, फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या

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आकाश दीप
संवाददाता
उदाकिशुनगंज, मधेपुरा

उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के लश्करी पंचायत वार्ड 07 निवासी ज्ञानचंद्र शर्मा का पुत्र मनोज शर्मा, रविवार की रात्रि करीब साढ़े तीन बजे अपने घर से पश्चिम आम बगीचे में खुद से फांसी लगाकर कर जान गंवा दी। सुबह होने पर आसपास के किसानों ने जब देखा तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस प्रशासन को दी। उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष जनक किशोर सिंह स्वयं घटनास्थल पहुंचकर पास पड़ोस के लोगों के सामने शव को अपने कब्जे में लिया, और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

प्राप्त जानकारी अनुसार मृतक मनोज शर्मा की पहली शादी उदाकिशुनगंज थाना क्षेत्र के मंजौरा पंचायत के मधुवापुर निवासी सुमित्रा देवी के साथ हुई। पहली पत्नी के दो लड़का और एक लड़की है । अपनी गरीबी के कारण मृतक मनोज शर्मा कुछ सालों से पंजाब में रहकर मजदूरी कर रहा था। वहीं फुलौत की महिला रंजना देवी जो मजदूर के काॅन्ट्रैक्ट का काम करती थी। पंजाब के ही एक युवक से शादी की थी जिसमें उनको चार बच्चे थे।  पति का दिमागी हालत खराब होने के बाद पत्नी को छोड़कर फरार हो गया।  वह अपने बच्चों के साथ अकेली वहां रह रही थी।  मृतक मनोज शर्मा का उक्त महिला से करीबी बढ़ता गया और दोनों ने शादी कर ली। गांव में पहली पत्नी को और परिजनों को भी धीरे-धीरे इसकी जानकारी हो गई।

बताया जाता है कि मृतक कुछ ही दिन पहले पंजाब से अपनी दूसरी पत्नी के साथ गाँव लोटा। पहली पत्नी उसके साथ घर जाने को दबाव बनाने लगी जब मृतक ने दुसरी पत्नी को अपने घर लश्करी लाने से मना कर दिया तो दुसरी पत्नी रंजना देवी में उदाकिशुनगंज थाने में आवेदन देकर पति के खिलाफ शिकायत की। दिए गए आवेदन में आरोप लगाया कि हमारे पति हमसे वर्ष 2013 में विधिवत ढंग से हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी की थी। 4 वर्ष पति पत्नी के रूप में एक साथ रहने के बावजूद हमें घर नहीं ले जा रहे हैं। हमसे रुपये की मांग कर रहे हैं।

उदाकिशुनगंज थानाध्यक्ष ने मामले में मृतक मनोज शर्मा के पिता ज्ञान चंद शर्मा को रविवार के दिन पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर थाना लाया। पिता के गिरफ्तारी के बाद मृतक मनोज शर्मा स्थानीय गणमाण्य ग्रामीणों के साथ थाना पहुँचा। थाने पर दोनों पक्षों में समझौता हुई। मृतक मनोज शर्मा ने उसे अपनी पत्नी के रूप में रखने को तैयार हुआ और ग्रामीणों के साथ अपनी दूसरी पत्नी को लेकर चला गया। थाने से बाहर जाने के बाद पत्नी में साथ जाने से यह कहकर इंकार कर दिया कि जब तक दोनों आदमी का कानूनी प्रक्रिया से पूरी कागजात तैयार नहीं होगी, तब तक हम पति के घर नहीं जाऊंगी। मृतक की पहली पत्नी में बताया कि हम तो उसे सौतन के रूप में रखने को तैयार थे पर गांव के हीं चार पांच लोग जो हमारे पति के साथी थे। इन लोगों ने ताना मार मार कर हमारे पति को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया।


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